Home Dharma Evidence of Ramayana still exists in Shri Malyavanta Raghunatha Temple | history...

Evidence of Ramayana still exists in Shri Malyavanta Raghunatha Temple | history of Malyavant Raghunath Mandir | आज भी यहां भगवान राम और लक्ष्मण के प्रमाण, पूरे विश्व में भगवान राम की इकलौती ऐसी मूर्ति

0


Last Updated:

Shri Malyavanta Raghunatha Temple: वैसे तो भारत में कई चमत्कारी मंदिर मौजूद हैं लेकिन कर्नाटक के हम्पी में भगवान राम का एक मंदिर है, जहां दर्शन करने मात्र से ही सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. इस मंदिर का संबंध रामायण काल से जुड़ा हुआ है. यहां भगवान राम के अलावा भगवान शिव के भी दर्शन करने का मौका मिलता है. आइए जानते हैं इस खास मंदिर के बारे में…

ख़बरें फटाफट

Shri Malyavanta Raghunatha Temple: भगवान राम और रामायण से जुड़े धार्मिक स्थल भारत के कई कोनों में मौजूद हैं. चित्रकूट में आज भी भगवान राम के पदचिन्हों हैं. वहीं, कर्नाटक में एक ऐसा मंदिर है, जो भगवान राम के जीवन प्रसंगों का प्रतीक है. कर्नाटक के हम्पी में बने श्री माल्यवंत रघुनाथ मंदिर में आज भी भगवान राम और लक्ष्मण के होने के प्रमाण मिलते हैं. मान्यता है कि यहां भगवान राम के दर्शन करने मात्र से हर परेशानी दूर हो जाती है और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है. यह मंदिर एक पहाड़ी की शिला पर मौजूद है और यहां के आसपास का नजारा देखने लायक है. चारों तरफ हरियाली और स्वच्छ हवा मन को मोह लेती है. आइए जानते हैं इस मंदिर की खास बातें…

यहां भगवान राम ने चलाया था तीर
कर्नाटक के हम्पी के वेंकटपुरा के पास श्री माल्यवंत रघुनाथ मंदिर स्थापित है. यह मंदिर जमीन पर नहीं बल्कि पहाड़ी पर शिला को काटकर बनाया गया है. बड़ी सी शिला में कई तरह की दरारें आज भी मौजूद हैं. माना जाता है कि भगवान राम ने यहां अपना निवास स्थान बनाने के लिए पहले तीर चलाया. तीर चलाने की वजह से शिला में कई दरारें पड़ गईं, जो आज तक मौजूद हैं.

रामायण काल से है इसका संबंध
मान्यता है कि मां सीता के अपहरण के बाद से श्री राम और लक्ष्मण बहुत व्याकुल थे. मानसून होने की वजह से वे अपनी सेना के लिए कोई स्थान नहीं ढूंढ पा रहे थे, लेकिन तभी भगवान राम ने एक विशाल चट्टान की ओर एक तीर चलाया और एक गुफा जैसी संरचना बन गई. इसी जगह पर वे अपनी सेना के साथ बारिश से बचने के लिए रुके थे.

भगवान राम के सुख और दुख दोनों से जुड़ा मंदिर
इतना ही नहीं, इसी जगह पर भगवान हनुमान ने मां सीता के कुशल होने की जानकारी प्रभु श्रीराम को दी थी. इसी वजह से मंदिर को भगवान राम के सुख और दुख दोनों से जोड़कर देखा जाता है. मूल मंदिर को बनाने के सही प्रमाण मौजूद नहीं हैं, लेकिन कहा जाता है कि मंदिर का निर्माण 600 वर्ष पूर्व कृष्णदेवराय के शासनकाल में हुआ था. मंदिर की दीवारों पर भगवान शिव, भगवान राम, मां सीता और हनुमान की प्रतिमाएं देखने को मिल जाती हैं.

भगवान राम की इकलौती ऐसी मूर्ति
खास बात ये है कि मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम की ऐसी मूर्ति मौजूद है, जो ध्यान की मुद्रा को दिखाती है. गर्भगृह में भगवान राम आसन पर बैठे हैं. उनके साथ कमल पर मां सीता और बगल में भगवान लक्ष्मण भी मौजूद हैं. यह भारत की पहली भगवान राम की ऐसी मूर्ति है, जिनके हाथों में कोई अस्त्र नहीं है. आमतौर पर भगवान राम के साथ हमेशा धनुष और बाण देखा गया है. मंदिर का ज्यादातर हिस्सा अब जर्जर हो चुका है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि मुगल काल में मंदिर को तोड़ने की कोशिश की गई थी. मंदिर के सामने आज भी एक विशाल शिला मौजूद है.

Parag Sharma

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homedharm

आज भी यहां भगवान राम और लक्ष्मण के प्रमाण, पूरे विश्व में भगवान राम की इकलौती

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version