Friday, November 14, 2025
29 C
Surat

Falgun Amavasya 2025 Date: 2025 की फाल्गुन अमावस्या कब, 27 या 28 फरवरी? जानें पितरों के तर्पण और श्राद्ध का समय


Last Updated:

Falgun Amavasya 2025 Date: इस साल 27 फरवरी को फाल्गुन अमावस्या ति​थि सूर्योदय के बाद शुरू हो रही है और 28 फरवरी को सूर्योदय से पूर्व ही खत्म हो रही है. इस वजह से लोगों में संशय की स्थिति है कि फाल्गुन अमावस्या …और पढ़ें

2025 की फाल्गुन अमावस्या कब, 27 या 28 फरवरी? जानें पितर तर्पण, श्राद्ध का समय

फाल्गुन अमावस्या 2025 तारीख और मुहूर्त.

हाइलाइट्स

  • 27 फरवरी को सुबह 8:54 बजे से फाल्गुन अमावस्या तिथि की शुरूआत है.
  • अमावस्या ति​थि सूर्योदय के बाद शुरू हो रही है.
  • स्नान और दान के लिए ब्रह्म मुहूर्त उत्तम माना जाता है.

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन अमावस्या फाल्गुन मा​ह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या ति​थि को होती है. फाल्गुन अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान के बाद दान करने का विधान है. इससे पाप मिटते हैं और पुण्य मिलता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन पितर भी पृथ्वी लोक पर आते हैं. उनको उम्मीद होती है कि उनकी संतान उनको तर्पण, श्राद्ध आदि से तृप्त करेगी. इस साल फाल्गुन अमावस्या कब है, 27 फरवरी को या फिर 28 फरवरी को? उज्जैन के महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं फाल्गुन अमावस्या की सही तारीख, पितरों के तर्पण और श्राद्ध समय के बारे में.

फाल्गुन अमावस्या 2025 ति​​थि कब से कब तक
पंचांग के अनुसार, इस साल 27 फरवरी को सुबह 8:54 बजे से फाल्गुन अमावस्या तिथि की शुरूआत हो रही है और यह तिथि अगले दिन 28 फरवरी को सुबह 6:14 बजे तक मान्य रहेगी.

फाल्गुन अमावस्या 2025 सही तारीख
27 फरवरी को अमावस्या ति​थि सूर्योदय के बाद शुरू हो रही है और 28 फरवरी को सूर्योदय से पूर्व ही खत्म हो रही है. इस वजह से लोगों में संशय की स्थिति है कि फाल्गुन अमावस्या 27 फरवरी को है या फिर 28 फरवरी को.

दरअसल तिथि की गणना सूर्योदय के समय पर होती है. लेकिन फाल्गुन अमावस्या तिथि 27 फरवरी को पूरे दिन रहेगी और 28 को सूर्योदय पूर्व खत्म हो रही है. पितरों के लिए श्राद्ध कर्म अमावस्या तिथि में दिन में होना है. ऐसे में इस साल फाल्गुन अमावस्या 27 फरवरी गुरुवार को मनाई जाएगी.

फाल्गुन अमावस्या 2025 पितरों के लिए तर्पण समय
सनातन धर्म में स्नान और दान के लिए ब्रह्म मुहूर्त उत्तम माना जाता है. इस बार फाल्गुन अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त 05:08 ए एम से 05:58 ए एम तक है. इस समय में आप स्नान और दान कर लें. फिर अमावस्या तिथि के प्रारंभ होने पर यानि 8:54 बजे से पितरों के लिए तर्पण करें. पितरों के लिए तर्पण कुशा की मदद से जल, काले तिल और सफेद फूल से करते हैं.

फाल्गुन अमावस्या 2025 श्राद्ध का समय
जो लोग अपने पितरों के लिए फाल्गुन अमावस्या पर श्राद्ध कर्म करना चाहते हैं, वे लोग दिन में कुतुप काल के समय कर सकते हैं. कुतुप काल दिन में 11:30 बजे से 12:30 तक माना जाता है. इस समय में पितरों का श्राद्ध करने से पिंडदान की सामग्री पितरों को प्राप्त होता है.

मान्यता के अनुसार, कुतुप काल में पितरों का मुख पश्चिम दिशा में होता है. जब इस समय में पिंडदान या कोई भोजन पितरों को देते हैं तो वे आसानी से ग्रहण कर लेते हैं. वैसे भी श्राद्ध कर्म दिन में 11:30 बजे से लेकर दोपहर 02:30 बजे के बीच किया जाता है.

अमावस्या पर तर्पण और श्राद्ध का महत्व
जो व्यक्ति अमावस्या के दिन अपने पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म करता है, उसे अपने पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. पितरों की कृपा से उसे संतान सुख, धन, वैभव, सुख, शांति, समृद्धि आदि की प्राप्ति होती है. वह पितृ दोष से मुक्त हो जाता है.

homedharm

2025 की फाल्गुन अमावस्या कब, 27 या 28 फरवरी? जानें पितर तर्पण, श्राद्ध का समय

Hot this week

Topics

Mercury in 7th house। बुध सातवें भाव के प्रभाव

Mercury In 7th House: कुंडली में बुध का...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img