उज्जैन. गणेश उत्सव के दौरान गजानन को मोदक चढ़ाने की परंपरा सदियों पुरानी है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गणेशजी को मोदक अत्यंत प्रिय हैं और इन्हें अर्पित करने से भक्तों की मनोकामना भी पूरी होती है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि मोदक चढ़ाते समय कुछ खास वस्तुएं और रंग वर्जित भी माने गए हैं. महाकाल वन के गणेश मंदिर के पुजारी चमु गुरु के अनुसार, अगर आप इन नियमों का पालन नहीं करते तो शुभ फल प्राप्त करने की बजाय विपरीत प्रभाव भी हो सकता है.
वर्जित रंग और वस्तुएं
गणेशजी को काले रंग से जुड़ी किसी भी वस्तु या प्रसाद का चढ़ावा पसंद नहीं है. काले रंग को अंधकार और नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है, इसलिए गणपति पूजा के दौरान काले रंग के कपड़े या किसी भी काले रंग की वस्तु का उपयोग करना अशुभ माना जाता है. गणेश जी को मिठास प्रिय है, इसलिए कड़वे या तीखे पदार्थों का प्रयोग बिलकुल नहीं करना चाहिए. मोदक मीठा होता है, इसलिए गणेश जी को मीठे मोदक ही चढ़ाने चाहिए.
इन बातों को भी रखें ध्यान
1. पूजा में शुद्धता का बहुत महत्व होता है. गणेश पूजा के दौरान लहसुन और प्याज का प्रयोग न करें, क्योंकि ये तामसिक गुणों वाली सामग्री मानी जाती है.
2. शास्त्रों के अनुसार, गणेश जी को मिट्टी से बने मोदक भी पसंद हैं. इनका उपयोग विशेष अवसरों पर किया जा सकता है. खासकर अगर गणेश प्रतिमा मिट्टी की बनी हो. गणेशजी को मोदक के अलावा लड्डू भी प्रिय हैं. बेसन के लड्डू, बूंदी के लड्डू और सूखे मेवों से बने लड्डू चढ़ाना शुभ माना जाता है.
3. गुड़ और नारियल से बने मोदक भगवान गणेश को अत्यधिक प्रिय माने जाते हैं. ये मोदक न सिर्फ स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि धार्मिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं.
पूजन विधि में खास ध्यान रखने योग्य बातें
– पूजा के दौरान भगवान गणेश को साफ-सुथरी जगह पर स्थापित करें और हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुंह करके पूजा करें.
– गणेश जी को कम से कम 21 मोदक चढ़ाना शुभ माना जाता है. मोदक को तांबे या पीतल की थाली में रखें.
FIRST PUBLISHED : September 10, 2024, 16:34 IST
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