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Gita Updesh: निर्णय लेने से पहले ध्यान रखें श्रीकृष्ण की दी हुई ये सीख, कभी गलत नहीं होंगे फैसले!


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Gita Updesh: श्रीमदभगवत गीता की कुछ बातों का विशेष ख्याल रखें. ये बातें व्यक्ति को जिंदगी में सही फैसले लेने में मदद करते हैं.जिससे की हम असमंजस्य की स्थिति में सही निर्णय ले सकें.

निर्णय लेने से पहले ध्यान रखें श्रीकृष्ण की दी हुई ये सीख,गलत नहीं होंगे फैसले

Gita Updesh: निर्णय लेने से पहले ध्यान रखें श्रीकृष्ण की दी हुई ये सीख, कभी गलत नहीं होंगे फैसले!

हाइलाइट्स

  • गीता के उपदेश से सही निर्णय लेने में मदद मिलती है.
  • भावनाओं में बहकर निर्णय नहीं लेना चाहिए.
  • निर्णय लेते समय खुद से सवाल जरूर पूछें.

Gita Updesh: हर मनुष्य के जीवन में सुख-दुख लगा रहता है और इससे दुनिया में आए हर एक प्राणी को गुजरना पड़ता है. हां, वो बात अलग है कि दुख के समय में कई लोग घबरा जाते हैं और अपने फैसले लेने में उनके कदम डगमगाने लगते हैं. क्योंकि फैसले कई बार इतने कड़े होते हैं कि इन्हें लेना हमारे लिए कष्टकारी साबित हो जाता है.

इसलिए अपनी जिंदगी में फैसला लेते समय व्यक्ति को थोड़ा सावधान रहने की जरूरत होती है. क्योंकि एक बार लिया गया फैसला बदलना आसान नहीं होता, ऐसे में अगर आपके साथ भी फैसला लेते समय असमंजस्य की स्थिति बनी हुई है तो ऐसे में श्रीमदभगवत गीता की कुछ बातों का विशेष ख्याल रखें. ये बातें व्यक्ति को जिंदगी में सही फैसले लेने में मदद करते हैं. आइए जानते हैं भगवताचार्य पंडित राघवेंद्र शास्त्री से गीता में बताई गई वो सभी बातें जो कि निर्णय लेते समय हर व्यक्ति को जानना चाहिए.

भावनाओं में बहकर ना लें कोई निर्णय
जीवन में भावनाओं का महत्वपूर्ण स्थान होता है, और यह हमारे निर्णयों को प्रभावित करती हैं. खासकर जब हम अपने प्रियजनों से जुड़े निर्णय लेते हैं, तो अक्सर हम भावनाओं के असर में आकर सही निर्णय लेने में कठिनाई महसूस करते हैं. यह स्थिति अर्जुन के सामने भी आई थी, जब कुरुक्षेत्र के युद्ध भूमि पर उन्हें अपने ही रिश्तेदारों, गुरु और मित्रों के खिलाफ युद्ध करना था.

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लेकिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को यह सिखाया कि सही निर्णय केवल भावनाओं से प्रेरित नहीं होने चाहिए, बल्कि इन्हें बुद्धि, विवेक और धर्म के आधार पर लिया जाना चाहिए. श्रीकृष्ण कहते हैं कि जब हम भावनाओं और कर्तव्य के बीच उलझते हैं, तो हमें अपने फैसलों को तर्क और उच्च आदर्शों के आधार पर करना चाहिए, न कि सिर्फ भावनाओं के आधार पर, इस तरह हम अपने जीवन में सही निर्णय लेकर सुख और शांति की ओर अग्रसर हो सकते हैं.

निर्णय लेते समय जरूर पूछें खुद से सवाल
श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि किसी भी निर्णय को लेने से पहले यह सवाल खुद से करना चाहिए – क्या यह निर्णय मैं आवेश या क्रोध में आकर ले रहा हूं? सही निर्णय वही होता है जो पूरी तरह से निष्पक्ष और आत्ममूल्यांकन के बाद लिया जाए. यदि उत्तर से संतुष्टि न मिले, तो बेहतर होगा कि निर्णय लेने से पहले और विचार किया जाए.

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व्यावहारिक निर्णय लें
किसी भी कार्य को करते समय हमें उस पर अडिग विश्वास होना चाहिए. श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण बताते हैं कि आत्मविश्वास और निरंतर प्रयास से ही हम सफलता प्राप्त कर सकते हैं. वहीं अगर हम अपने ऊपर विश्वास नहीं करेंगे, तो जीवन में किसी भी लक्ष्य को हासिल करना कठिन होगा. इसलिए अपने निर्णयों में दृढ़ रहकर भगवान में आस्था रखते हुए सोच-समझकर और व्यावहारिक निर्णय लेना अत्यंत आवश्यक है.

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