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Guru nanak jayanti 2025: गुरु नानक देव जी का जन्म तलवंडी में 1469 में हुआ था. दिल्ली के प्रसिद्ध गुरुद्वारों में गुरु हर कृष्ण, गुरु तेग बहादुर और बाबा बंदा सिंह बहादुर से जुड़े स्थल हैं.

गुरु नानक देव जी सिख धर्म के प्रथम गुरु और संस्थापक माने जाते हैं. उनका जन्म कार्तिक पूर्णिमा के दिन सन् 1469 में तलवंडी नामक स्थान पर हुआ था, और हर साल 5 नवंबर को धूमधाम से ये उत्सव मनाया जाता है. ऐसे में आप भी दिल्ली के फेमस गुरुद्वारा में घूम सकते है इस दिन.

यह दिल्ली के सबसे लोकप्रिय गुरुद्वारों में से एक है और आठवें सिख गुरु, गुरु हर कृष्ण को समर्पित है.इसकी खूबसूरती और पवित्र जल के लिए यह प्रसिद्ध है.यह 24 घंटे खुला रहता है और यहां लंगर की सेवा भी लगातार चलती रहती है.

यह नौवें सिख गुरु, गुरु तेग बहादुर की शहादत स्थली पर बना है.यह चांदनी चौक के मध्य में स्थित है.इसका निर्माण 1783 में सरदार बघेल सिंह ने करवाया था.

यह महरौली में कुतुब मीनार के पास स्थित है.इसका निर्माण बाबा बंदा सिंह बहादुर की वीरता और शहादत की स्मृति में किया गया था.यहां हर साल इस दिन भव्य मेला लगता है.

यह शांति पथ के पास स्थित है.यह दसवें सिख गुरु, श्री गोबिंद सिंह से जुड़ा है, जिन्होंने अपनी पहली दिल्ली यात्रा के दौरान यहां डेरा डाला था.

यह प्रतिष्ठित गुरुद्वारा माता सुंदरी और सिखों के 8वें गुरु, गुरु हरकृष्ण सिंह जी का क्रीमेशन ग्राउंड है. कहा जाता है कि उनके उपचार स्पर्श ने लोगों को दिल्ली के हैजा से बचाया था.

गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब संसद भवन और राष्ट्रपति भवन के पास स्थित है. गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर जी को समर्पित है. यहीं पर नौवें सिख गुरु, गुरु तेग बहादुर का 1675 में मुगल सम्राट औरंगजेब द्वारा फांसी दिए जाने के बाद अंतिम संस्कार किया गया था.







