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Hanuman Chalisa For Kids: आज के समय में बच्चों की दिनचर्या काफी बदल गई है. मोबाइल, टीवी, ऑनलाइन क्लास, बदलता माहौल और अकेलापन कई बार उनके मन पर गहरा असर डालता है. छोटे बच्चे अकसर बिना वजह डर जाते हैं, रात में चौंककर उठ जाते हैं, बुरे सपने देखते हैं या फिर सोने से कतराते हैं. माता-पिता लाख कोशिश करते हैं, लेकिन हर बार दवाइयों या डांट से समाधान नहीं मिलता. ऐसे में घर के बड़े-बुजुर्गों द्वारा बताए गए आध्यात्मिक उपाय आज भी उतने ही असरदार माने जाते हैं. हनुमान चालीसा को हिंदू धर्म में बहुत शक्तिशाली पाठ माना गया है. यह सिर्फ पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि मन को स्थिर करने और डर को दूर करने में भी मदद करती है. मान्यता है कि रात में बच्चों को सोते समय हनुमान चालीसा सुनाने से उनके मन में सुरक्षा का भाव आता है. इसकी मधुर ध्वनि और सकारात्मक शब्द बच्चों के अवचेतन मन पर अच्छा असर डालते हैं. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.

1. बच्चों के मन को मिलती है शांति, नींद होती है बेहतर
हनुमान चालीसा की ध्वनि में एक अलग ही सुकून होता है. जब इसे धीमी और मधुर आवाज में सुनाया जाता है, तो बच्चे का मन धीरे-धीरे शांत होने लगता है. दिनभर की भागदौड़, डर या बेचैनी कम होती है और दिमाग आराम की स्थिति में चला जाता है. यही कारण है कि बच्चे जल्दी सो जाते हैं और उनकी नींद भी गहरी होती है. जिन बच्चों को बार-बार नींद टूटने या डरकर उठने की आदत होती है, उनमें भी समय के साथ सुधार देखा जाता है.

2. डर, घबराहट और नकारात्मक सोच से राहत
छोटे बच्चों में अंधेरे का डर, अकेले सोने की परेशानी या बुरे सपने आम बात है. हनुमान चालीसा को निडरता और सुरक्षा से जोड़ा जाता है. मान्यता है कि इसके पाठ से आसपास की नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है. जब बच्चा रोजाना इसे सुनता है, तो उसके मन में एक भरोसा पैदा होता है कि वह सुरक्षित है. इससे घबराहट कम होती है और आत्मबल बढ़ता है.

3. आत्मविश्वास और साहस में बढ़ोतरी
हनुमान जी को महाबली और साहसी माना जाता है. उनकी कहानियां और चालीसा के शब्द बच्चों के मन में साहस का बीज बोते हैं. धीरे-धीरे बच्चा खुद को मजबूत महसूस करने लगता है. स्कूल जाने का डर, अकेले कमरे में रहने की परेशानी या नए लोगों से मिलने की झिझक कम होने लगती है. यह बदलाव एक दिन में नहीं आता, लेकिन नियमित रूप से चालीसा सुनाने से असर साफ दिखने लगता है.
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4. सेहत और ऊर्जा पर सकारात्मक प्रभाव
मान्यताओं के अनुसार हनुमान चालीसा सुनने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है. जब बच्चा मानसिक रूप से शांत रहता है, तो उसका असर उसकी सेहत पर भी दिखता है. बेहतर नींद से इम्यूनिटी मजबूत होती है और बच्चा ज्यादा एक्टिव महसूस करता है. कई माता-पिता मानते हैं कि नियमित रूप से चालीसा सुनाने से बच्चों में सुस्ती कम होती है और वे दिनभर ज्यादा फ्रेश रहते हैं.

5. ध्यान और समझ विकसित करने में मददगार
जब बच्चे रोज एक ही समय पर हनुमान चालीसा सुनते हैं, तो यह उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन जाती है. इससे उनका ध्यान टिकने लगता है. धीरे-धीरे वे इसके शब्दों को पहचानने लगते हैं और अर्थ जानने की जिज्ञासा भी बढ़ती है. माता-पिता अगर सरल भाषा में कुछ पंक्तियों का मतलब समझा दें, तो बच्चे की समझ और सोच दोनों बेहतर होती हैं.

6. संस्कार और आध्यात्मिक जुड़ाव
बचपन में जो संस्कार मिलते हैं, वही आगे चलकर जीवन की दिशा तय करते हैं. हनुमान चालीसा बच्चों को भक्ति, विनम्रता और सेवा का भाव सिखाती है. इससे उनमें बड़ों के प्रति सम्मान और अपने अंदर अच्छाई लाने की भावना पैदा होती है. यह एक तरह से नैतिक शिक्षा का भी काम करती है, जो बिना किसी दबाव के बच्चे के मन में बैठ जाती है.

7. कैसे सुनाएं हनुमान चालीसा ताकि असर दिखे
बच्चों को हनुमान चालीसा सुनाते समय कुछ छोटी बातों का ध्यान रखें. हमेशा इसे धीमी और प्यार भरी आवाज में सुनाएं. मोबाइल या तेज स्पीकर की जगह खुद सुनाना ज्यादा असरदार माना जाता है. शुरुआत में पूरी चालीसा न भी सुनाएं तो कम से कम कुछ चौपाइयां रोजाना सुनाई जा सकती हैं. हफ्ते में एक-दो बार आसान शब्दों में इसका अर्थ समझाने से बच्चे और ज्यादा जुड़ाव महसूस करते हैं.







