Hanuman Mandir Gonda: भगवान राम को खुश करने के लिए पहले हनुमान जी को प्रसन्न करना जरूरी माना जाता है. अगर आप भी भगवान हनुमान को खुश करना चाहते हैं तो यूपी के इस मंदिर में पूजा जरूर करें. यही वो मंदिर है जहां भगवान हनुमान संजीवनी बूटी लाते वक्त ठहरे थे. आपके सारे बिगड़े और रुके हुए काम इस मंदिर में पूजा करने के बाद बन जाएंगे.
उत्तर प्रदेश के गोंडा नगर उदासीन आश्रम हनुमान मंदिर स्थित है, जिसका इतिहास त्रेता युग से जुड़ा हुआ है. लोगों का कहना है कि संजीवनी ले जाते समय इस मंदिर पर हनुमान जी 2 मिनट रुक कर कामधेनु गाय के दूध का प्रसाद ग्रहण किया था.
त्रेता युग से जुड़ा हुआ है इतिहास
Bharat.one से बातचीत के दौरान मंदिर के महंत रामजी दास बताते हैं कि यह मंदिर त्रेता युग से जुड़ा हुआ है. इस मंदिर में अयोध्या के राजा दशरथ का गौशाला हुआ करता था. महंत रामजी दास बताते हैं कि इस मंदिर का इतिहास काफी पुराना है, यह मंदिर त्रेता युग से जुड़ा हुआ है, इस मंदिर परिसर में अयोध्या के राजा दशरथ का दूध का भंडार हुआ करता था. इसी मंदिर से पर दूध इकट्ठा होकर अयोध्या भेजा जाता था.
क्या है कामधेनु गाय का इतिहास
मंदिर के महंत राम जी दास बताते हैं कि यहां पर कामधेनु गाय त्रेता युग में रहती थी, जिसका दूध अमृत के समान था. इस कामधेनु गाय का दूध लोगों को प्रसाद के रूप में दिया जाता था. यदि किसी को किसी भी प्रकार की समस्या होती थी तो वह दूर हो जाती थी. फिर धीरे-धीरे दूध का अमृत खत्म हो गया.
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कुछ ऐसी है कहानी
महंत जी का कहना है कि कामधेनु के सपने में भगवान आकर बताते हैं कि हनुमान जी इसी रास्ते से संजीवनी लेकर लंका जा रहे हैं. यदि आप उनको यहां पर रोक लेती हैं तो आपका दूध फिर से अमृत समान हो जाएगा. फिर कामधेनु गाय ने हनुमान जी से प्रार्थना की और हनुमान जी ने यहां पर 2 मिनट रुक कर कामधेनु गाय के दूध का प्रसाद ग्रहण किया और संजीवनी को भी दोस्त से नहलाया और कामधेनु की गाय का दूध फिर कम करने लगा.
FIRST PUBLISHED : December 26, 2024, 09:36 IST
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