Remedies For Bad Dreams : रात में सोते समय कभी-कभी हमें ऐसे सपने आते हैं जो डरावने, परेशान करने वाले और कभी-कभी इतने विचलित करने वाले होते हैं कि नींद टूट जाती है. ऐसे सपने न केवल हमारे मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं, बल्कि अगले दिन हमारी ऊर्जा और मनोदशा पर भी असर डालते हैं. कई बार बच्चे और बड़े दोनों ही डरावने सपनों के कारण अचानक नींद से जाग जाते हैं और तनाव में रहते हैं. ऐसे में यह समझना जरूरी है कि बुरे सपनों के कारण क्या हैं और उनसे बचने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.
बुरे सपनों के कारण
अक्सर हमारे मन में दिन भर की चिंता, डर और तनाव जमा हो जाता है. यही मानसिक तनाव रात को सपनों में बदलकर डरावने रूप में प्रकट होता है. इसके अलावा कुछ स्थानों पर नकारात्मक ऊर्जा का होना, अजीब परिस्थितियों का सामना करना या पितृदोष जैसी मान्यताएं भी बुरे सपनों का कारण मानी जाती हैं.
ज्योतिष शास्त्र में यह भी माना गया है कि बुरे सपनों के पीछे ग्रहों की अशुभ स्थिति जैसे राहु, केतु, शनि और चंद्रमा की दोषपूर्ण स्थिति मुख्य भूमिका निभाती है. जब मन अशांत और अस्थिर होता है, तब व्यक्ति अक्सर सपनों में अजीब, भयपूर्ण और मानसिक रूप से परेशान करने वाली चीजें देखता है.
बुरे सपनों से बचने के सरल उपाय
1. स्वच्छता और नींद का माहौल:
सोने से पहले स्नान करके साफ और आरामदायक कपड़े पहनें. अपने बिस्तर को हमेशा साफ रखें. स्वच्छ वातावरण में नींद लेने से मन शांत रहता है और बुरे सपनों की संभावना कम हो जाती है.

2. बच्चों के लिए उपाय:
यदि आपका बच्चा अक्सर बुरे सपनों से जागता है, तो उसके बिस्तर के नीचे मंगलवार या रविवार को काले कपड़े में फिटकरी बांधकर रखें. फिटकरी न मिलने पर बिस्तर के नीचे छोटी धातु की वस्तुएं जैसे चाकू, कैंची या नेल कटर रख सकते हैं. यह उपाय कई मामलों में बुरे सपनों को रोकने में मदद करता है.
3. मनोरंजन और चर्चा पर नियंत्रण:
सोने से पहले डरावनी फिल्में, किताबें या ऐसी कहानियाँ न देखें जो भय उत्पन्न करें. रात में भूत-प्रेत या अन्य डरावने विषयों पर चर्चा भी नहीं करनी चाहिए. इससे मन शांत रहता है और नींद में डरावने सपने नहीं आते.
4. सोने की दिशा:
वास्तु के अनुसार, सिर को उत्तर दिशा की ओर करके सोना वर्जित है. हमेशा पूर्व या दक्षिण दिशा में सिर करके सोएं. सही दिशा में सोने से मानसिक शांति मिलती है और बुरे सपनों की संभावना कम होती है.
5. ध्यान और मंत्र का अभ्यास:
सनातन परंपरा में भगवान शिव, हनुमान जी और भगवान भैरव की साधना बुरे सपनों से रक्षा के लिए अत्यंत प्रभावी मानी गई है. सोने से पहले अपने आराध्य देवता का ध्यान करें और निम्न मंत्र का 11 बार जप करें:
“दुष्टस्वप्नं ममानाशय द्रुतं कुरु कुरु स्वाहा.”
यह अभ्यास नींद को शांत बनाने और डरावने सपनों को रोकने में सहायक होता है.

बुरे सपनों का अनुभव अक्सर हमारे मानसिक तनाव और आस-पास की ऊर्जा से जुड़ा होता है. हालांकि सही दिशा में सोना, स्वच्छता बनाए रखना, डरावनी चीजों से दूर रहना और धार्मिक साधना करना इन सपनों से निपटने के आसान और प्रभावी तरीके हैं. इन उपायों को अपनाकर न केवल नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है, बल्कि मानसिक शांति और जीवन में संतुलन भी बना रहता है.







