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Prime Minister Modi gifts Gita : पुतिन की भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें भगवद गीता का रूसी संस्करण भेंट किया, जिसे दोनों देशों के रिश्ते का भावनात्मक और सांस्कृतिक संकेत माना जा रहा है. इस दौरे से रक्षा, व्यापार और सहयोग के कई क्षेत्रों में नए मौके खुलने की उम्मीद है.
Prime Minister Modi gifts Gita : कुछ किताबें सिर्फ कागज़ पर लिखे शब्द नहीं होतीं, वे लोगों की सोच, जीवन और विश्वास को नई दिशा देती हैं. गीता ऐसी ही एक किताब है, जिसे दुनिया भर में सम्मान मिलता है. लेकिन जब इसकी बात आती है, तो अलग-अलग प्रेस से छपने वाली गीता में कई फर्क दिख जाते हैं कहीं भाषा बहुत कठिन होती है, कहीं भाव अधूरा लगता है और कहीं समझने का ढंग ही अलग होता है. इसी बीच इस्कॉन की गीता ने दुनिया भर में एक अलग पहचान बनाई है. जब हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को इस्कॉन की रशियन एडिशन गीता भेंट में दी, तो यह सिर्फ एक उपहार नहीं था, बल्कि भारत की आध्यात्मिक शक्ति और असली शिक्षाओं को सम्मान देने का प्रतीक था. यह बात खुद दिखाती है कि इस्कॉन की गीता में ऐसा क्या है जो इसे बाकी प्रेस से अलग बनाता है.
इस्कॉन की गीता की खासियत
इस्कॉन की गीता दुनिया भर में इसलिए खास मानी जाती है क्योंकि यह सिर्फ अनुवाद नहीं, बल्कि अनुभव के साथ लिखा गया संदेश है. इस्कॉन के संस्थापक श्रील प्रभुपाद ने इसे आसान भाषा में, बिना कोई भारी शब्द डाले, समझने लायक बनाया है. कई लोग बताते हैं कि उन्हें दूसरी गीता पढ़कर भी वह भाव नहीं मिलता जो इस्कॉन की गीता देते ही दिल और दिमाग दोनों में उतर जाता है. इसका कारण यह है कि यहां हर श्लोक के नीचे सिर्फ मतलब नहीं, बल्कि उसका पूरा जीवन से जुड़ा अर्थ भी बताया गया है.
दूसरी प्रेस से है अलग
दूसरे प्रेस की गीता में अक्सर भाषा बहुत औपचारिक होती है, जिससे नए पाठक को समझने में दिक्कत होती है. कई बार ऐसा भी होता है कि अनुवाद तो सही होता है लेकिन भाव अधूरा रह जाता है. जबकि इस्कॉन की गीता में हर बात ऐसे समझाई जाती है जैसे कोई आपका मार्गदर्शन कर रहा हो. यही वजह है कि इसे दुनिया के कई देशों में पढ़ाया जाता है, अनुवाद किए जाते हैं और लाखों लोग इसे अपने जीवन का आधार मानते हैं.
एक गहरा संदेश
जब मोदी जी ने पुतिन को इस्कॉन वाली गीता दी, तो यह एक गहरा संदेश था भारत की असली आध्यात्मिक पहचान वही है जो हमारे संतों ने जिया और जिसे इस्कॉन ने दुनिया के सामने बहुत साफ तरीके से रखा. रूस में पहले भी गीता को लेकर कई बार चर्चा हुई, लेकिन इस्कॉन की गीता वहां के लोगों के बीच काफी पसंद की जाती है क्योंकि इसमें जीवन, कर्म, भक्ति और आत्मा की बातें आसानी से समझ आती हैं.







