Wednesday, April 23, 2025
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It was at this place that Mother Sita and Ram met for the first time… Even today, newly married people come and get blessings from Mother Siya


मधुबनी के लदानिया प्रखंड में स्थित फूलहर गांव में एक ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का स्थान है, जिसे गिरजा स्थान के नाम से जाना जाता है. इस स्थान पर स्थित गिरिजा मंदिर का संबंध प्राचीन काल से है और यह मिथिला के नरेश जनक की राजधानी के निकट स्थित था. ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर एक उपवन के बीच स्थित था, जहां विभिन्न प्रकार के फूल और फल वृक्ष थे. इस उपवन में माता जानकी (सीता) अपनी बाल्यावस्था से ही गौरी पूजन के लिए आती थीं, और यह उनका प्रिय स्थान था.

धार्मिक मान्यता और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
रामचरितमानस के अनुसार, यह वही स्थान है जहां माता सीता को उनकी मां सुनयना ने गिरिजा पूजन के लिए भेजा था. उस समय श्रीराम और लक्ष्मण भी अपने गुरु विश्वामित्र के साथ पूजा के लिए पुष्प लेने यहां आए थे. यहीं पर राम और सीता की पहली मुलाकात हुई थी, जो आगे चलकर भारतीय पौराणिक कथाओं का एक महत्वपूर्ण अध्याय बना.

वर्तमान में इस स्थान की मान्यता
आज भी यह स्थान लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है. कलियुग में भी इस स्थान से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं वैसी ही हैं जैसी वैदिक काल में थीं. यह स्थान नवविवाहित जोड़ों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है. ऐसी मान्यता है कि यहां फूल लोढ़ने (तोड़ने) से माता सीता प्रसन्न होती हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करती हैं.

हर वर्ष पंचमी के अवसर पर, नवविवाहित महिलाएं अपनी सखियों के साथ यहां फूल लोढ़ने आती हैं, जिससे इस स्थान की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता और भी बढ़ जाती है. गिरजा स्थान, फूलहर, सिर्फ एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि यह मिथिला की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक भी है, जो आज भी जीवित हैं और लोगों की आस्था का केंद्र बने हुए हैं.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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