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Jannati Door Ajmer: यहां है जन्नती दरवाजा, इससे गुजरने वाले को नसीब होती है जन्नत, साल में खुलता है चार बार


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परंपरा के अनुसार, दरगाह में स्थित जन्नती दरवाजा साल में 4 बार खुलता है. सबसे अधिक 6 दिन के लिए गरीब नवाज के उर्स के मौके पर दरवाजा खुलता है. इसके बाद एक दिन ईद उल फितर (मीठी ईद) के मौके पर, एक दिन ईद उल अजहा (ब…और पढ़ें

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साल में चार बार खुलता है यह जन्नती दरवाजा

हाइलाइट्स

  • अजमेर दरगाह का जन्नती दरवाजा साल में 4 बार खुलता है.
  • गरीब नवाज के उर्स पर दरवाजा 6 दिन के लिए खुलता है.
  • ईद और उर्स के मौकों पर दरगाह में मन्नतें मांगी जाती हैं.

अजमेर. राजस्थान के अजमेर में स्थित ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में एक दरवाजा ऐसा भी है जिसमें से होकर गुजरने से जन्नत नसीब होती है. यह दरवाजा साल में केवल चार बार ही खोला जाता है. इस दरवाजे से गुजरने के लिए अकीदतमंद घंटों तक लाईन में खड़े रहकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं.

दरगाह गद्दीनशीन खादिम अफसान चिश्ती ने बताया कि ख्वाजा साहब की दरगाह में यह जन्नती दरवाजा हर किसी को नसीब नहीं होता है. परंपरा के अनुसार, दरगाह में स्थित जन्नती दरवाजा साल में 4 बार खुलता है. सबसे अधिक 6 दिन के लिए गरीब नवाज के उर्स के मौके पर दरवाजा खुलता है. इसके बाद एक दिन ईद उल फितर ( मीठी ईद ) के मौके पर, एक दिन ईद उल अजहा (बकरा ईद) के मौके पर और एक दिन ख्वाजा साहब के पीर (गुरु ) हजरत उस्मान हारूनी के सालाना उर्स के मौके पर यह दरवाजा खुलता है.

यह है मान्यता
अफशान चिश्ती ने Bharat.one को बताया कि मान्यता है कि जन्नती दरवाजे से जो कोई जायरीन ख्वाजा गरीब नवाज की मजार की जियारत करता है, उसे करने के बाद जन्नत नसीब होती है. ख्वाजा गरीब नवाज में गहरी आस्था रखने वाले जायरीन जन्नती दरवाजे के खुलने का बेसब्री से इंतजार करते हैं. खासकर उर्स के दौरान दरगाह आने वाले हर जायरीन की दिली हसरत होती है कि वह जन्नती दरवाजे से होकर दरगाह में हाजिरी दे.

धागे के रूप में बांधी जाती है मन्नत
चिश्ती ने आगे बताया कि कई लोग ऐसे भी हैं, जो इन चार मौकों पर यहां नहीं पहुंच पाते. ऐसे ख्वाइशमंदों के लिए जन्नती दरवाजे की एक परंपरा और भी है, जो इस चौखट को चूमने से महरूम रह जाते हैं, वो अपनी मन्नत एक धागे या चिट्ठी के रूप में यहां पेश करवाते हैं. ऐसी परंपरा है कि यहां जो मन्नत धागे के रूप में बांधी जाती है. उस मन्नत के पूरा होने पर यहां आकर मन्नत का धागा खोलना होता है और ख्वाजा साहब का शुकराना अदा करना होता है.

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जन्नती दरवाजा, इससे गुजरने वाले को नसीब होती है जन्नत, साल में खुलता 4 बार

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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