जितिया व्रत और अगस्त फूल का संबंध
जितिया व्रत को जिवितपुत्रिका व्रत भी कहा जाता है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से बच्चों की आयु लंबी होती है और जीवन में खुशहाली आती है. इस दिन माताएं बिना पानी पिए उपवास रखती हैं और अगले दिन सुबह पारणा करती हैं. पारणा में बनने वाले व्यंजनों में अगस्त फूल के पकोड़े का खास महत्व है. माना जाता है कि यह पकवान देवी-देवताओं को प्रसन्न करता है और संतान की रक्षा के लिए शुभ होता है.
अगस्त फूल न सिर्फ धार्मिक महत्व रखता है बल्कि यह शरीर को भी कई तरह से लाभ पहुंचाता है:
1. पाचन में मददगार – व्रत के बाद भारी भोजन करने से पेट पर असर पड़ता है, लेकिन अगस्त फूल पाचन को आसान बनाता है.
2. डिटॉक्स गुण – इसमें प्राकृतिक तत्व होते हैं जो शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालने में मदद करते हैं.
3. संक्रमण से बचाव – मानसून के बाद मौसम बदलने पर बीमारियां बढ़ती हैं. अगस्त फूल इनसे रक्षा करता है.
4. शरीर का संतुलन – यह फूल शरीर की गर्मी और ठंडक को संतुलित करने में सहायक है.
अगस्त फूल के पकोड़े बनाने की आसान विधि
सामग्री:
-अगस्त फूल – 8-10 (ताज़े और साफ़ किए हुए)
-बेसन – 1 कप
-हल्दी – 1/4 चम्मच
-लाल मिर्च – 1/2 चम्मच (स्वादानुसार)
-अजवाइन – 1/2 चम्मच
-नमक – स्वादानुसार
-पानी – घोल बनाने के लिए
-तेल – तलने के लिए