Jupiter In 4th House: जन्मपत्री में चौथा भाव घर, जमीन, गाड़ी, मां का साथ, मन की शांति और लाइफ में मिलने वाली सुख-सुविधाओं का घर माना जाता है, ये भाव बताता है कि इंसान अपने घर-परिवार में कितनी शांति महसूस करेगा, उसे किस तरह का सहारा मिलेगा और उसका घरेलू माहौल कैसा रहेगा. अब सवाल ये है कि जब इतना अहम भाव बृहस्पति जैसे बड़े और शुभ ग्रह से भर जाए, तो इंसान की जिंदगी में क्या बदलाव आते हैं?बृहस्पति को ज्योतिष में ज्ञान, किस्मत, करियर में ग्रोथ, रिश्तों, दया और अच्छाई का प्रतीक माना गया है, ये जहां बैठता है, वहां फैलाव, बढ़ोतरी और तरक्की लाता है, लेकिन हर जगह के अपने अच्छे और चैलेंज वाले पहलू भी होते हैं. चौथे भाव में बृहस्पति होने से व्यक्ति का मन साफ होता है, वह परिवार का ख्याल रखने वाला, दयालु और शांत स्वभाव का बनता है. ऐसे लोग अपने घर में खुशहाली लाते हैं और सबको साथ लेकर चलना जानते हैं. लेकिन हर ग्रह की तरह इसके भी कुछ उलटे असर हो सकते हैं-जैसे भावनाओं में बह जाना, घर पर ज्यादा निर्भर रह जाना या संपत्ति को लेकर उलझनें बढ़ना.
इस आर्टिकल में आप जानेंगे भोपाल निवासी ज्योतिषी, वास्तु विशेषज्ञ एवं न्यूमेरोलॉजिस्ट हिमाचल सिंह से कि बृहस्पति चौथे भाव में होने पर किस तरह के अच्छे-बुरे नतीजे मिलते हैं, रिश्तों और काम पर क्या असर पड़ता है, स्वास्थ्य कैसे प्रभावित होता है और कौन-से आसान उपाय अपनाकर इसका फायदा बढ़ाया जा सकता है. ये पूरा लेख आसान शब्दों में है ताकि पढ़ने वाला इसे आसानी से समझ सके और अपने जीवन में लागू भी कर सके.
बृहस्पति चौथे भाव में होने के सकारात्मक असर
1. घर में शांति और खुशहाली
बृहस्पति यहां बैठकर घर का माहौल बेहद अच्छा बनाता है. परिवार में प्यार, समझदारी और एक-दूसरे का साथ बढ़ता है. ऐसे लोगों को घर से काफी सपोर्ट मिलता है.
2. संपत्ति और वाहन का योग मजबूत
चौथा भाव जमीन-जायदाद से जुड़ा होता है. बृहस्पति यहां होने पर घर खरीदने, नया मकान बनाने या गाड़ी लेने की संभावना बढ़ जाती है. कई बार ऐसा योग मिलता है कि व्यक्ति को पुश्तैनी संपत्ति की मदद भी मिल जाती है.
3. मां का साथ और आशीर्वाद
ऐसे लोग अपनी मां के बेहद करीब होते हैं. मां की सेहत अच्छी रहती है और उनका सहयोग पूरे जीवन काम आता है.
4. शांत और पॉजिटिव मानसिकता
मन स्थिर रहता है, बेवजह गुस्सा नहीं आता. इंसान बातचीत और समझदारी से हर मसला सुलझाना जानता है.
5. शिक्षा और ज्ञान में तरक्की
बृहस्पति जहां बैठता है, वहां सीखने की क्षमता बढ़ाता है. ऐसे लोग पढ़ाई में अच्छे होते हैं और अपने अनुभव से दूसरों की मदद करते हैं.
बृहस्पति चौथे भाव में होने के नकारात्मक असर
1. भावुकता ज्यादा होना
कई बार व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर सोच में डूब जाता है या दिल से फैसले लेता है, जिससे नुकसान भी हो सकता है.
2. घर पर ज्यादा निर्भरता
ऐसे लोग परिवार के बिना ठीक से निर्णय नहीं ले पाते. इससे करियर में देरी या मौके छूट सकते हैं.
3. संपत्ति से जुड़े झंझट
घर, जमीन या किराए के मसले कभी-कभी उलझ सकते हैं. दस्तावेज़ों का ध्यान न दिया जाए तो परेशानी बढ़ सकती है.
4. मां की सेहत में समय-समय पर दिक्कतें
अगर बृहस्पति खराब फल दे रहा हो, तो मां की तबीयत को लेकर चिंता रह सकती है.
5. वजन बढ़ने और पेट से जुड़ी दिक्कतें
बृहस्पति शरीर के फैलाव का भी कारक है. ऐसे में गैस, पेट फूलना या वजन बढ़ना जैसी दिक्कतें सामने आ सकती हैं.
बृहस्पति चौथे भाव में होने पर किस तरह के उपाय करें? (आसान और असरदार उपाय)
1. केले के पेड़ पर जल चढ़ाएं
गुरुवार सुबह केले के पेड़ पर जल चढ़ाना और हल्दी लगाना काफी शुभ माना जाता है.
2. मां और शिक्षक का सम्मान करें
बृहस्पति ज्ञान और मां दोनों से जुड़ा है. इनका सम्मान करने से रास्ते खुलते हैं.
3. गुरुवार को पीले कपड़े पहनें
ये ग्रह को मजबूत करता है और मन को शांत रखता है.
4. चने की दाल या पीली मिठाई दान करें
गुरुवार को जरूरतमंदों को दाल या मिठाई देने से किस्मत चमकती है.
5. घर में रोज दीपक जलाएं
घर में साफ ऊर्जा बनी रहती है और मानसिक तनाव कम होता है.







