Jupiter In 5th House: जन्मपत्री में पांचवां भाव बेहद खास माना जाता है, क्योंकि यह आपकी बुद्धि, सोच, सीखने की क्षमता,बच्चे,रोमांस, किस्मत और क्रिएटिविटी को दिखाता है. कहा जाता है कि जिस इंसान का पांचवां भाव मजबूत हो, उसकी लाइफ में मौके खुद चलकर आते हैं. अब जब इस जगह पर बृहस्पति जैसी शुभ और विशाल ग्रह की स्थिति बन जाए, तो उसके असर को हल्के में नहीं लिया जा सकता. बृहस्पति ज्ञान, समझ, भरोसा, बड़े फैसले, जीवन की दिशा और अच्छे भाग्य का मालिक माना जाता है. इस वजह से जब यह पांचवें भाव में बैठ जाता है, तो दिमाग साफ चलता है, सोच मजबूत होती है और कई बार किस्मत अचानक साथ देने लगती है, लेकिन सिर्फ सकारात्मक पहलू ही नहीं, इसके कुछ उलटे असर भी देखने को मिलते हैं. कई लोग ऐसे होते हैं जिनकी कुंडली में बृहस्पति की यह स्थिति उन्हें ज्यादा भरोसा करने वाला बना देती है, जिससे नुकसान झेलना पड़ सकता है. कभी-कभी यह इंसान को ओवर-कॉन्फिडेंट भी कर देता है या बच्चे से जुड़े मामलों में रुकावट लेकर आ सकता है. इसलिए इसके अच्छे और चुनौती वाले दोनों पहलुओं को समझना जरूरी है.
इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि बृहस्पति पांचवें भाव में हो तो किन चीजों में फायदा मिलता है, किन बातों से डरना चाहिए और कौन-से आसान उपाय आपकी लाइफ के मुश्किल हिस्सों को हल्का कर सकते हैं, अगर आपकी कुंडली में भी यह स्थिति है, तो यह आर्टिकल आपके लिए खास तौर पर बेहद काम का साबित होगा. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी, वास्तु विशेषज्ञ एवं न्यूमेरोलॉजिस्ट हिमाचल सिंह.
बृहस्पति पांचवें भाव में होने के सकारात्मक असर
1. बुद्धि तेज और समझ मजबूत
बृहस्पति दिमाग को साफ दिशा देता है. इस वजह से ऐसे लोगों की समझ दूसरों से अलग होती है. पढ़ाई, रिसर्च, लिखने और बोलने जैसी चीजों में नैचरल टैलेंट रहता है.
2. किस्मत का साथ
पांचवां भाव भाग्य से जुड़ा होता है. यहां बृहस्पति बैठ जाए तो अचानक मौके मिलना, सही समय पर सही रास्ता मिल जाना और मुश्किल हालात में भी बच निकलना आम बात है.
3. बच्चों से सुख
इस स्थिति वाले लोगों का अपने बच्चों से रिश्ता अच्छा रहता है. बच्चे अच्छे पढ़ते हैं, लाइफ में आगे बढ़ते हैं और माता-पिता का मान बढ़ाते हैं.

4. क्रिएटिविटी और आर्ट में टैलेंट
कला, संगीत, लेखन, एक्टिंग, डिजाइनिंग, आइडियाज-इन सबमें इनका दिमाग तेज चलता है, अगर ये लोग क्रिएटिव फील्ड चुनें, तो जल्दी पहचान बना लेते हैं.
5. प्यार और रोमांस में खुशकिस्मती
रिश्तों में भरोसा, मिठास और समझ बनी रहती है. प्यार में छलावा कम होता है, सही इंसान से मिलने का चांस ज्यादा होता है.
बृहस्पति पांचवें भाव में होने के नकारात्मक असर
1. ओवर-कॉन्फिडेंट होना
कई बार यह स्थिति इंसान को ज्यादा भरोसा करने वाला बना देती है. ऐसे में गलत फैसले हो सकते हैं या कोई आपको आसानी से बेवकूफ बना सकता है.
2. बच्चों को लेकर तनाव
अगर बृहस्पति कमजोर हो या राहु-केतु जैसे ग्रहों की दृष्टि हो, तो बच्चे से जुड़े मामलों में देरी, टेंशन या स्वास्थ्य के मुद्दे सामने आ सकते हैं.
3. दिमाग में एक साथ कई विचार
ये लोग अक्सर बहुत सोचते हैं. कभी-कभी ज्यादा सोचने की वजह से कोई भी काम तय नहीं कर पाते और मौके छूट जाते हैं.
4. पढ़ाई में रुकावट
अगर बृहस्पति कमज़ोर हो तो पढ़ाई आगे बढ़ाने में बाधा, ध्यान कम लगना या एक जगह टिककर न पढ़ पाना जैसी परेशानियाँ आ सकती हैं.

5. फालतू खर्च
किस्मत पर ज्यादा भरोसे के कारण ये लोग बिना सोचे खर्च कर देते हैं. बाद में पछतावा भी होता है.
बृहस्पति पांचवें भाव के लिए आसान उपाय
इन उपायों से बृहस्पति मजबूत होता है और उसके नकारात्मक असर काफी कम हो जाते हैं:
1. पीला रंग अपनाएं
गुरुवार को पीले कपड़े पहनें या पीली दाल दान करें.
2. गुरुवार को व्रत रखें
सिर्फ एक दिन हल्का और सात्त्विक भोजन करें. इससे ग्रह शांत होते हैं.
3. बुजुर्गों का आशीर्वाद लें
बृहस्पति का सीधा रिश्ता बड़ों के आशीर्वाद से जुड़ा है.
4. हल्दी का तिलक लगाएं
हर गुरुवार हल्दी या केसर का तिलक लगाने से ग्रह मजबूत होता है.

5. गरीब बच्चों की मदद करें
बच्चों को खाना, कॉपी-पेंसिल या कपड़े देने से किस्मत का दरवाज़ा खुलता है.
6. पीली दाल का दान
गुरुवार को मंदिर या किसी जरूरतमंद को पीली दाल देना बेहद शुभ माना जाता है.







