Kaal Bhairav Aarti Lyrics In Hindi: काल भैरव जयंती आज 12 नवंबर बुधवार को है. काल भैरव जयंती के अवसर पर व्रत रखकर काल भैरव की पूजा करते हैं. काल भैरव भगवान शिव के रुद्रावतार हैं. ये संहारक हैं. शिव आज्ञा पर ये दुश्मनों पर टूट पड़ते हैं. काल भैरव की उत्पत्ति मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुई थी, इसलिए हर साल इस तिथि को काल भैरव जयंती मनाई जाती है. इस दिन काल भैरव की विधि विधान से पूजा करके उनको इमरती, पान, मालपुआ आदि का भोग लगाते हैं. पूजा का समापन आरती से होती है. काल भैरव की आरती की शुरूआत जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा… से है. घी के दीपक या कपूर से काल भैरव की आरती करें.
काल भैरव की आरती
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा।
जय काली और गौरा देवी कृत सेवा।।
जय भैरव देवा…
तुम्हीं पाप उद्धारक दु:ख सिंधु तारक।
भक्तों के सुख कारक भीषण वपु धारक।।
जय भैरव देवा…
वाहन शवन विराजत कर त्रिशूल धारी।
महीमा अमित तुम्हारी जय जय भयकारी।।
जय भैरव देवा…
तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होंवे।
चौमुख दीपक दर्शन दु:ख सगरे खोंवे।।
जय भैरव देवा…
तेल चटकि दधि मिश्रित भाषावलि तेरी।
कृपा करिये भैरव करिये नहीं देरी।।
जय भैरव देवा…
पांव घुंघरु बाजत अरु डमरु डमकावत।
बटुकनाथ बन बालक जन मन हरषावत।।
जय भैरव देवा…
बथुकनाथ की आरती जो कोई नर गावे।
कहें धरणीधर नर मनवाछिंत फल पावे।।
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा।
जय काली और गौरा देवी कृत सेवा।।
जय भैरव देवा…
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)







