Last Updated:
Pind Daan Amavasya Date: अगर आप किसी कारणवश अपने पितरों को पिंडदान नहीं कर सके हैं, तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आप किसी भी महीने की अमावस्या तिथि को पिंडदान कर सकते हैं, क्योंकि अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित होती है.
दरभंगाः पितृपक्ष में पिंडदान करने का विशेष महत्व है. इस दौरान, लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करते हैं. लेकिन अगर आप किसी कारणवश अपने पितरों को पिंडदान नहीं कर सके हैं, तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आप किसी भी महीने की अमावस्या तिथि को पिंडदान कर सकते हैं, क्योंकि अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित होती है.
पितृपक्ष में पिंडदान करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है. ऐसा माना जाता है कि पितृपक्ष में पूर्वज पृथ्वी पर आते हैं और अपने परिजनों से पिंडदान की अपेक्षा करते हैं. पिंडदान करने से पूर्वजों की आत्मा तृप्त होती है और वे अपने परिजनों को आशीर्वाद देते हैं.
कैसे करें पिंडदान?
पिंडदान करने के लिए सबसे पहले आपको एक पवित्र स्थान पर बैठना होगा. फिर आपको अपने पूर्वजों की तस्वीर या मूर्ति को सामने रखना होगा. उन्हें जल, अक्षत और पुष्प अर्पित करना होगा. इसके बाद, आपको पिंड बनाकर उन्हें अर्पित करना होगा. पिंड बनाने के लिए आप चावल, जौ और तिल का उपयोग कर सकते हैं.
20 अक्टूबर को है एक अच्छा अवसर
यदि आपने पितृपक्ष में पिंडदान नहीं किया है, तो 20 अक्टूबर को एक अच्छा अवसर है. क्योंकि इस दिन कार्तिक अमावस्या है. यह तिथि पितरों को तर्पण देने के लिए शुभ मानी जाती है. इस दिन आप अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान कर सकते हैं.
अमावस्या तिथि को करें पिंडदान
पितृपक्ष में पिंडदान करना एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जो पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए किया जाता है. यदि आप किसी कारणवश पितृपक्ष में पिंडदान नहीं कर सके हैं, तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है. आप किसी भी महीने की अमावस्या तिथि को पिंडदान कर सकते हैं. 20 अक्टूबर (कार्तिक अमावस्या) को एक अच्छा अवसर है जब आप अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान कर सकते हैं.
मैंने अपने 12 वर्षों के करियर में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर डिजिटल और Bharat.one तक पहुंचा। रिपोर्टिंग से ले… और पढ़ें