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Kartik Maas 2025 Date: आ गया है कार्तिक मास, पुण्य कमाने के लिए करें ये काम, मिलेगा अपार फल


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Kartik Maas 2025: कार्तिक मास में किया गया स्नान-दान व्यक्ति को सात जन्मों तक शुभ फल देता है. कहा गया है कि इस मास में भगवान विष्णु स्वयं सृष्टि में विष्णु शयन से जागृत होकर भक्तों का कल्याण करते हैं.

उज्जैन. हिन्दू धर्म मे हर तिथि हर वार के साथ माह का भी विशेष महत्व शास्त्रों मे बताया गया है. इन्ही माह मे से कार्तिक महीने को पुराणों में सर्वश्रेष्‍ठ मास कहा जाता है. इस माह जिसमें राधा-दामोदर पूजन, शालिग्राम पूजन, और विष्णु पूजा का विशेष महत्‍व है. मान्‍यता है कि इस महीने सूर्य और चंद्र किरणों का पृथ्वी पर पड़ने वाला प्रभाव मनुष्य के मन मस्तिष्क को स्वस्थ रखता है. इस महीने में इंसान अपने सभी पापों का नाश कर सभी संकटों को दूर कर सकता है. यही नहीं, कुछ कर्मों को कर धन, सुख, समृद्धि, शांति और निरोग जीवन को भी प्राप्‍त किया जा सकता है. तो आइए उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज से जानते हैं कि इस महीने कौन से कार्य करना चाहिए और कौनसे नही.

कब से शुरू हो रहा है कार्तिक माह?
इस शुभ महीने की शुरुआत कार्तिक कृष्ण द्वितीया तिथि यानि 8 अक्टूबर बुधवार से हो रही है. कार्तिक माह के पहले दिन हर्षण योग और अश्विनी नक्षत्र है. वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा तिथि की शुरूआत 7 अक्टूबर मंगलवार को सुबह 09 बजकर 16 मिनिट के लगभग शुरू होंगी और य​ह 8 अक्टूबर को 05 बजकर 53 मिनिट तक रहेगा. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार 8 अक्टूबर कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा का शुभारंभ कार्तिक कृष्ण द्वितीया तिथि से है

भगवान विष्णु की उपासना  
कार्तिक के महीने में श्री हरि जल में वास करते हैं. यह महीना भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है. इस दौरान प्रतिदिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए. साथ ही तुलसी के पौधे की उपासना करना भी जरूरी है. सुबह और शाम तुलसी के पौधे के पास देसी घी का दीपक जलाने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. इसके अलावा, अपनी श्रद्धानुसार गरीबों को गर्म कपड़े, भोजन, या धन का दान करना भी पुण्यकारी माना जाता है.

कार्तिक माह में स्नान का महत्व?
मान्यता है कि भगवान विष्णु ने कार्तिक माह में मत्स्य अवतार लिया था और वे जल ​में निवास करते थे. इस वजह से लोग कार्तिक माह में पवित्र नदियों में स्नान और दान करते हैं, ताकि उनको भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त हो और जीवन के अंत में पाप मुक्त होकर बैकुंठ में स्थान प्राप्त कर लें. कार्तिक स्नान से व्यक्ति के पाप मिटते हैं और पुण्य फल प्राप्त होता है.

कार्तिक मास के नियम?
इस महीने तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए. किसी भी प्रकार की अपशब्द या गलत व्यवहार से बचना चाहिए. तन और मन की स्वच्छता बनाए रखना आवश्यक है. इसके साथ ही किसी भी प्रकार के पशु-पक्षी को नुकसान पहुंचाने से भी बचना चाहिए. इस माह में संयम और साधना का विशेष महत्व है, जो जीवन को पवित्रता और शांति प्रदान करती है.

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Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digital), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked a…और पढ़ें

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digital), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked a… और पढ़ें

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आ गया है कार्तिक मास, पुण्य कमाने के लिए करें ये काम, मिलेगा अपार फल

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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