Kartik Snan Dates 2025: कार्तिक माह का प्रारंभ 8 अक्टूबर दिन बुधवार को द्वितीया तिथि से है. हिंदी कैलेंडर में कार्तिक 8वां महीना है. कार्तिक माह में स्नान और दान करने से पुण्य मिलता है और पाप मिटते हैं. इस माह में स्नान करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. इस वजह से लोग तीर्थ स्थलों या पवित्र नदियों के पास जाकर कल्पवास करते हैं और स्नान-दान करते हैं. आइए जानते हैं कार्तिक माह के प्रारंभ समय, मुहूर्त, स्नान और दान की तारीखों के बारे में.
ऐसे में उदयातिथि में कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा तिथि प्राप्त नहीं हो रही है. 8 अक्टूबर को उदयातिथि में कार्तिक कृष्ण द्वितीया तिथि मिल रही है. इस वजह से कार्तिक माह का शुभारंभ कार्तिक कृष्ण द्वितीया तिथि से है. कार्तिक माह के पहले दिन हर्षण योग प्रात:काल से लेकर देर रात 01:33 ए एम तक है, उसके बाद से वज्र योग है. वहीं अश्विनी नक्षत्र प्रात:काल से लेकर रात 10:44 पी एम तक है, उसके बाद से भरणी नक्षत्र है.
कार्तिक माह 2025 पहले दिन के मुहूर्त
कार्तिक माह के पहले दिन स्नान के लिए सबसे अच्छा समय ब्रह्म मुहूर्त है, जो 04:39 ए एम से 05:29 ए एम तक है. इस दिन कोई अभिजीत मुहूर्त नहीं है. सूर्योदय 06:18 ए एम पर और चन्द्रोदय 06:39 पी एम पर है. द्वितीया तिथि 9 अक्टूबर को तड़के 02:22 ए एम तक है.
कार्तिक माह में स्नान का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने कार्तिक माह में मत्स्य अवतार लिया था और वे जल में निवास करते थे. इस वजह से लोग कार्तिक माह में पवित्र नदियों में स्नान और दान करते हैं, ताकि उनको भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त हो और जीवन के अंत में पाप मुक्त होकर बैकुंठ में स्थान प्राप्त कर लें. कार्तिक स्नान से व्यक्ति के पाप मिटते हैं और पुण्य फल प्राप्त होता है.
कार्तिक स्नान की तारीखें
कार्तिक माह में स्नान के लिए 3 तारीखें बेहद महत्वपूर्ण है. वैसे तो आप चाहें तो पूरे कार्तिक माह में स्नान करके पुण्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन सभी लोगों के लिए यह संभव नहीं है क्योंकि समय का अभाव है. ऐसे में आप कार्तिक माह में 3 दिन स्नान और दान करके पुण्य लाभ ले सकते हैं.
1. तुला संक्रांति पर स्नान: 17 अक्टूबर, दिन शुक्रवार
कार्तिक माह का पहला महत्वपूर्ण स्नान 17 अक्टूबर को तुला संक्रांति के दिन है. इस दिन सूर्य देव तुला राशि में प्रवेश करेंगे. इस दिन स्नान करके गेहूं, गुड़, तिल, लाल वस्त्र, लाल फूल, लाल फल, तांबा, केसर आदि का दान करें. सूर्य देव की कृपा प्राप्त होगी.
2. कार्तिक अमावस्या स्नान: 21 अक्टूबर, दिन मंगलवार
कार्तिक माह का दूसरा महत्वपूर्ण स्नान कार्तिक अमावस्या का है, जो 21 अक्टूबर को है. इस दिन स्नान करके पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध आदि करें. अपनी क्षमता के अनुसार, अन्न, वस्त्र आदि का दान करें.
3. कार्तिक पूर्णिमा स्नान: 5 नवंबर, दिन बुधवार
कार्तिक माह का तीसरा और अंतिम स्नान कार्तिक पूर्णिमा का है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान करके चंद्रमा से जुड़ी वस्तुएं जैसे चावल, दूध, शक्कर, सफेद वस्त्र, मोती, चांदी आदि का दान करें.