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Karwa Chauth 2025 Paran Time: करवा चौथ 2025 का व्रत 10 अक्टूबर शुक्रवार को है, चंद्रोदय रात 8 बजकर 13 मिनट पर होगा. पूजा मुहूर्त शाम 5:57 से 7:11 तक है. महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखेंगी.
Karwa Chauth 2025 Paran Time: करवा चौथ का व्रत कार्तिक संकष्टी चतुर्थी को रखते हैं. यह दिवाली से ठीक 12 दिन पहले मनाया जाता है. हिंदू धर्म में करवाचौथ व्रत का बड़ा महत्व है. इस वर्ष करवा चौथ 10 अक्टूबर दिन शुक्रवार को पड़ रहा है. मान्यताओं के अनुसार, इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना से दिनभर निर्जला व्रत करती हैं. इसके बाद रात को चंद्र देव को अर्घ्य देकर पति के हाथों से पानी पीकर व्रत खोलती हैं. करवा चौथ को लेकर लोगों में कई सवाल भी होते हैं. ऐसा ही एक सवाल है कि आखिर करवा चौथ व्रत का पारण कब करें? चंद्रोदय का सही समय क्या है? ये सवाल है आपका भी हो सकता है. इस बारे में Bharat.one को बता रहे हैं उन्नाव के ज्योतिषाचार्य ऋषिकांत मिश्र शास्त्री-
पंचांग के अनुसार, करवा चौथ की कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर को रात 10:54 बजे से शुरू हो रही है, जो 10 अक्टूबर को शाम 7:38 बजे तक है. बता दें कि, करवा चौथ के व्रत के लिए चतुर्थी तिथि में चंद्रमा का उदित होना महत्वपूर्ण है. इसको देखते हुए 9 अक्टूबर को चतुर्थी तिथि में चंद्रमा पहले से ही उदित है. इसलिए 10 अक्टूबर को करवा चौथ व्रत रखना शुभ होगा.

करवा चौथ पूजा मुहूर्त
करवा चौथ के दिन व्रती महिलाएं प्रदोष काल में माता गौरी, भगवान शिव और गणेश जी की पूजा करती हैं. इस साल 10 अक्टूबर को करवा चौथ की पूजा का मुहूर्त शाम 5 बजकर 57 मिनट से शाम 7 बजकर 11 मिनट तक है. करवा चौथ की रात लाभ-उन्नति मुहूर्त 09:02 पी एम से 10:35 पी एम तक है.
करवा चौथ पर चंद्रोदय समय
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, इस साल करवा चौथ पर चांद रात में 08 बजकर 13 मिनट पर निकलेगा. इस समय से महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देंगी और पारण करके व्रत को पूरा करेंगी.
करवा चौथ व्रत का पारण समय
करवा चौथ का व्रत इस बार 10 अक्टूबर को रखा जाएगा. कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 09 अक्टूबर की रात 10:54 बजे से शुरू होगी और 10 अक्टूबर की शाम 7:38 बजे इसका समापन होगा.
करवा चौथ व्रत के नियम
करवा चौथ के दिन सुहागन महिलाएं पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. निर्जला व्रत के शुरू करने से पहले सरगी ग्रहण करते हैं, फिर सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक बिना अन्न और जल के व्रत रखती हैं. शाम की पूजा और चंद्र अर्घ्य के बाद पारण किया जाता है. इस बार महिलाओं को करीब 14 घंटे का निर्जला व्रत रखना होगा.
ललित कुमार को पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 साल से अधिक का अनुभव है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रिंट मीडिया से की थी. इस दौरान वे मेडिकल, एजुकेशन और महिलाओं से जुड़े मुद्दों को कवर किया करते थे. पत्रकारिता क… और पढ़ें