Krishna Janam Katha: द्वापर युग में श्रीकृष्ण ने रोहिणी नक्षत्र में जन्म लिया. इसका कारण उनका चंद्रवंशी होना था. पुराणों और धार्मिक ग्रंथों के अनुसार श्रीकृष्ण चंद्रवंशी थे. उनके पूर्वज चंद्रदेव से संबंधित थे. रोहिणी चंद्रमा की पत्नी और उनका स्व-नक्षत्र हैं. इसी कारण से भगवान श्रीकृष्ण ने रोहिणी नक्षत्र में जन्म लिया. वहीं अष्टमी तिथि शक्ति का प्रतीक मानी जाती है. एक मान्यता यह भी है कि चंद्रदेव की इच्छा थी कि श्रीहरि विष्णु मेरे कुल में कृष्ण रूप में जन्म लें. सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यही है कि केवल भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी की आधी रात को वो शुभ महूर्त बन रहा था, जब भगवान विष्णु 64 कलाओं में निपुण भगवान कृष्ण के रूप में जन्म ले सकते थे.
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आधी रात में भगवान कृष्ण का जन्म
पौराणिक कथाओं के अनुसार, चंद्रदेव की इच्छा थी कि भगवान कृष्ण उनके कुल में जन्म लें क्योंकि भगवान राम ने तो सूर्य के कुल में जन्म लिया था, इसलिए हे प्रभु इस अवतार में मेरे कुल में जन्म लें ताकि यह सुख मुझे भी प्राप्त हो सके और प्रत्यक्ष दर्शन कर सकूं. भगवान कृष्ण का रात्रि में जब प्रादुर्भाव हुआ, तब पूरे ब्रह्मांड का वातवरण सकारात्मक हो गया, देवी-देवता मंगल गीत गाने लगे और ईश्वर का गुणगान करने लगे. प्रकृति, पशु, पक्षी, साधु-संत, किन्नर आदि सभी नाचने-गाने लगे और ईश्वर के जन्म के लेकर हर्षित हुए.
आधी रात में जन्म का एक कारण यह भी
भगवान कृष्ण ने कंस के कारागार से निकलने के लिए भी आधी रात का समय चुना. ताकि उनके पिता सुरक्षित स्थान पर भेज सकें, इसलिए जब कृष्ण का जन्म हुआ, तभी कारागार के द्वार खुल गए और सैनिक गहरी नींद में सो गए. तब उनके पिता वसुदेव गोकुल में सुरक्षित पहुंचा सके और वापस जेल में अपनी पत्नी के पास आ गए.
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जन्म आधी रात में कई वजहों से हुआ था
1. चंद्रमा रात्रि में निकलता है और कृष्ण ने अपने पूर्वज चंद्रदेव की उपस्थिति में जन्म लिया था.
2. चंद्रमा की पत्नी और उनका स्व-नक्षत्र रोहिणी है, इसलिए कृष्ण ने रोहिणी नक्षत्र में जन्म लिया.
3. अष्टमी तिथि को शक्ति का प्रतीक माना जाता है.
4. कृष्ण का जन्म ‘विष्णु काल’ में हुआ था, जो दिव्य ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक है.
5. कृष्ण का जन्म लेने से पहले कारागार में कैद उनके माता-पिता को सुरक्षित स्थान पर जाने का समय मिला.
FIRST PUBLISHED : September 25, 2024, 14:31 IST