Monday, September 9, 2024
30 C
Surat

Krishna Janmashtami 2024: जब आखिरी बार कृष्ण ने बजाई बांसुरी, जानें क्यों तोड़ कर फेंक दी


हाइलाइट्स

कृष्ण कन्हैया ने राधारानी से विदा लेने के बाद भले ही बांसुरी बजाना छोड़ दिया था.भगवान कृष्ण ने बांसुरी बजाई तो राधा रानी अपना शरीर का त्याग कर गोलोक धाम प्रस्थान कर गईं.

Krishna Janmashtami 2024: हिन्दू पंचांग का छठवां महीना भाद्रप्रद रक्षाबंधन के बाद ही शुरू हो जाता है और भाई-बहन के पवित्र रिश्ते के पर्व के ठीक आठवें दिन कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाता है. यह पर्व कृष्ण भक्तों द्वारा देश और दुनिया में धूमधाम से मनाया जाता है. वैसे आपने भगवान कृष्ण से जुड़ी कथाओं और गाथाओं के बारे में तो खूब सुना होगा. नटखट कन्हैया की लीलाओं को सुनकर या पढ़कर आज भी हर कोई दीवाना हो जाता है. भगवान कृष्ण को बचपन से ही बांसुरी काफी प्रिय थी. आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से कि उन्होंने बांसुरी क्यों तोड़ दी थी.

पुराणों के अनुसार, जब वे कंस वध के लिए मथुरा जा रहे थे, उस दौरान 11 वर्ष 56 दिन के समय में उन्होंने एक पल के लिए भी बांसुरी को खुद से अलग नहीं किया क्योंकि जब वे इसे बजाते थे तो गोपियां और गाय सहित उनके मित्र-सखा दौड़े चले आते थे. इसे सुनकर हर कोई मोहित हो जाता था, लेकिन एक समय ऐसा आया, जब कन्हैया ने अपनी प्रिय बांसुरी को तोड़ दिया. ऐसा क्यों किया और इसके पीछे क्या है कहानी, आइए जानते हैं.

वृंदावन में आखिरी बार बजाई बांसुरी
पुराणों के अनुसार, जब भगवान कृष्ण अपने मामा और राक्षस कंस का वध करने के लिए मथुरा जा रहे थे तो उस समय वे राधारानी से मिले थे. ऐसा वर्णन मिलता है कि जब भगवान ने राधारानी से विदा लेते हुए कभी ना मिल पाने की बात कही थी तो राधारानी ने कहा था कि गोलोक धाम प्रस्थान करने से पहले मानव शरीर में वे एक बार फिर से भगवान कृष्ण से मिलना चाहती हैं. भगवान ने उनके इस आग्रह को स्वीकार किया था. इस दौरान उन्होंने वृंदावन में आखिरी बार बांसुरी बजाई थी और राधारानी से विदा लेने के बाद कन्हैया ने बांसुरी बजाना छोड़ दिया था.

…और इसलिए तोड़ दी बांसुरी
कृष्ण कन्हैया ने राधारानी से विदा लेने के बाद भले ही बांसुरी बजाना छोड़ दिया हो, लेकिन इसे खुद से दूर ना कर सके. वहीं जब कालांतर में राधारानी आखिरी बार द्वारिका में भगवान कृष्ण से मिलीं तो उन्होंने बताया कि अब धरती से प्रस्थान का समय आ गया है. इस दौरान राधारानी ने कन्हैया से आखिरी बार बांसुरी बजाने का आग्रह किया और जैसे ही भगवान कृष्ण ने बांसुरी बजाई तो राधारानी अपना शरीर का त्याग कर गोलोक धाम प्रस्थान कर गईं. इस घटना से भगवान कृष्ण इतने दुखी हुए कि अपनी प्रिय बांसुरी को तोड़ दिया.

Hot this week

इस मंदिर में 'बजरंगबली' आते हैं रामचरित मानस का पाठ सुनने, देखें तस्वीरें

चित्रकूट के रामघाट में स्थित तोता मुखी हनुमान...

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img