Home Dharma Lord Rama himself pran pratishtha of Navagraha in ocean at Navapashanam temple...

Lord Rama himself pran pratishtha of Navagraha in ocean at Navapashanam temple | यहां भगवान राम ने स्वयं समंदर में स्थापित किए थे नवग्रह, जानें क्यों प्रसिद्ध है यह चमत्कारी तालाब

0


Last Updated:

Navapashanam Temple: वैसे तो भारत में कई चमत्कारी मंदिर हैं लेकिन तमिलनाडु के गांव में एक ऐसा मंदिर है, जहां दर्शन करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और तालाब में स्नान करने से शोक और चर्म रोग दूर होते हैं. साथ ही इस मंदिर में नवग्रहों को संतुलित करने के लिए एक मंदिर भी है. आइए जानते हैं नवपाषाणम मंदिर की खास बातें…

ख़बरें फटाफट

हिंदू धर्म में नवग्रह को बहुत महत्व दिया गया है. अगर कुंडली में नवग्रह सही स्थिति में हैं तो जीवन का हर कार्य आसानी से हो जाता है, लेकिन ग्रहों की नीच की स्थिति मनुष्य के जीवन में भूचाल ला सकती है. क्या आप जानते हैं कि तमिलनाडु के एक गांव में समंदर से सटे तालाब में स्नान कर नवग्रहों को संतुलित करने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. साथ ही ये तालाब औषधियों से भरपूर होता हैं, जिससे चर्म रोग से संबंधित समस्या दूर होती है. मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन करने मात्र से ही सभी समस्याएं दूर होती हैं और घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है. आइए जानते हैं नवपाषाणम मंदिर के बारे में…

भगवान राम ने की थी तालाब की स्थापना
तमिलनाडु में देवीपट्टिनम में रामेश्वरम से 17 किलोमीटर की दूरी पर अनोखा नवग्रह मंदिर नवपाषाणम मंदिर है, जहां भक्त दूर-दूर से अपनी बीमारियों से छुटकारा पाने और नवग्रहों को संतुलित कराने के लिए आते हैं. देखने में ये सिर्फ थोड़ा सा तालाब है, जो तट के समीप बना है, लेकिन हिंदू धर्म में इसकी आस्था बहुत है. किंवदंती की मानें तो इस मंदिर और तालाब की स्थापना भगवान राम ने की थी. उन्होंने खुद रावण से युद्ध करने से पहले अपने हाथों से समंदर में नवग्रहों की प्रतिमाएं गोल चक्कर के रूप में स्थापित की थी और पूजा की थी. पूजा के बाद भगवान राम को वरदान मिला था कि पुल बनाने के दौरान उनकी वानर सेना को समंदर की लहरें नुकसान नहीं पहुंचाएंगी.

यहां स्नान करने से मिलती है रोगों से मुक्ति
भक्तों की इस तालाब को लेकर और भी मान्यता है. कहा जाता है कि तालाब का पानी अमृत समान है और इसमें नौ जड़ी-बूटियों के गुण हैं. यहां स्नान करने से रोगों से छुटकारा मिलता है. भक्त तालाब का लेकर अपने घर भी जाते हैं. माना जाता है कि इन्हीं नौ जड़ी-बूटियों से तमिल शैव सिद्ध बोगर ने पलानी मंदिर में भगवान मुरुगन की मूर्ति बनाई थी और उन्हीं जड़ी-बूटियों के गुण इस तालाब के पानी में भी शामिल हैं.

देवी मां ने यहीं किया था राक्षस महिषासुर का वध
भक्त अपने पूर्वजों के तर्पण के लिए भी यहां आते हैं. पहले तालाब में मौजूद नौ प्रतिमाओं की परिक्रमा करते हैं और उन पर फूलमाला अर्पित कर अपने पितृ का दर्पण करते हैं. हालांकि तालाब में मौजूद प्रतिमाओं का कोई निश्चित आकार नहीं है और वे आधी पानी के नीचे और आधी पानी के ऊपर रहती हैं. कई बार समंदर का जलस्तर बढ़ जाने की वजह से प्रतिमाएं पूरी तरह डूब जाती हैं. समंदर तट से सटे तालाब के पास एक और देवी का मंदिर भी बना है, जिसे हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना गया है. कहा जाता है कि देवी मां ने यहीं पर राक्षस महिषासुर का वध किया था.

Parag Sharma

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homedharm

यहां रामजी ने समंदर में स्थापित किए थे नवग्रह, जानें क्यों प्रसिद्ध तालाब

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version