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Maha Kumbh 2025: महाकुंभ नहीं जा पा रहे तो क्या हुआ…घर बैठे ही मिल जाएगा पुण्य, बस इन नियमों का करें पालन, शंकराचार्य ने बताए उपाय



Agency:Bharat.one Uttar Pradesh

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Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में स्नान करने दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं. लेकिन आप चाहें तो घर बैठे ही पुण्य प्राप्त कर सकते हैं. जानें कैसे.

हाइलाइट्स

  • घर बैठे महाकुंभ का पुण्य प्राप्त करें.
  • ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से महाकुंभ का फल मिलेगा.
  • मांस-मछली खाना सही है या गलत.

Maha Kumbh 2025: मोनी अमावस्या के दूसरे अमृत स्नान पर जहां करोड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने महाकुंभ प्रयागराज पहुंच रहे हैं. वहीं बहुत लोग यहां आने में असमर्थ हैं. ऐसे लोग भी अगर महाकुंभ के बराबर ही पुण्य फल प्राप्त करना चाहते हैं तो जगतगुरु शंकराचार्य ने Bharat.one के माध्यम से कुछ खास बातें बताई हैं. इन नियम का पालन और संयम से आप घर पर रहकर ही महाकुंभ का पुण्य फल प्राप्त कर सकते हैं.

पालन करें यह नियम
उत्तर पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने Bharat.one से बात करते हुए बताया कि जो श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान करने नहीं आ पा रहे हैं. वह एक महीना तक घर पर रहकर ही संयम त्याग ब्रह्मचर्य एवं भूमि सैया का प्रयोग करें. इसके अलावा सत्य बोले और ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से महाकुंभ का ही फल प्राप्त होगा.

मांस खाने से मिलता है पाप
जगतगुरु शंकराचार्य से जब Bharat.one के द्वारा पूछा गया कि क्या मांस मछली खाने से पाप लगता है. जबकि भारत विविधताओं का देश है और यहां पर खान-पान की व्यवस्था भी काफी अलग है. इस पर जगतगुरु शंकराचार्य ने बताया कि जब भी हम किसी जीव के शरीर को पीड़ा पहुंचते हैं उसकी आत्मा को पीड़ा पहुंचते हैं तो उसको दुख होता है. यही सबसे बड़ा पाप होता है इसलिए मांस-मछली खाना सही नहीं है.

इसे भी पढ़ें – 1-2 क्यों नहीं…12 साल बाद ही क्यों होता है महाकुंभ? देवता और असुर से जुड़ी है वजह, पढ़ें दिलचस्प कहानी

गंगा मां के बारे में कही ये बात
जगतगुरु शंकराचार्य के यहां सेक्टर 12 में लगातार धर्म संसद चल रहा है, जिसमें सनातन धर्म से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की जा रही है. जिस पर फैसला सुनाने का काम स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि गंगा जो कि देश की राष्ट्रीय नदी है एवं सनातन धर्म के आस्था की प्रेरणा है. ऐसे में गंगा में चारों ओर से गंदे नाले को मिलाया जा रहा है और गंगा मां को माई से ज्यादा कमाई का जरिया बना लिया है. उन्होंने कहा कि जहां से गंगा होकर बहती है, आसपास के क्षेत्र काफी धनी होते हैं.

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महाकुंभ नहीं जा पा रहे तो क्या हुआ…घर बैठे ही मिल जाएगा पुण्य, जानें कैसे

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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