Tuesday, October 7, 2025
26 C
Surat

Mahakumbh 2025 : लंदन के न्यूरोसाइंटिस्ट पहुंचे महाकुंभ, कहा- भारत की चाय और संस्कृति का अद्भुत प्रभाव, आज तक संस्कृति को रखा संभाल कर


Last Updated:

Mahakumbh 2025 : इस समय देश-दुनिया से लोग महाकुंभ में हिस्सा लेने प्रयागराज पहुंच रहे हैं. इसे लेकर अलग-अलग सुर्खियां लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई हैं. लंदन के प्रसिद्ध न्यूरोसाइंटिस्ट डॉ. इटिएल ड्रोर ने …और पढ़ें

लंदन के न्यूरोसाइंटिस्ट ने कहा, आज तक संस्कृति को रखा संभाल कर

महाकुंभ 2025

हाइलाइट्स

  • देश-दुनिया से लोग महाकुंभ में हिस्सा लेने पहुंच रहे हैं.
  • इसकी शुरुआत 13 जनवरी से हुई है.

Mahakumbh 2025 : महाकुंभ, जिसे धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के साथ विश्वभर में पहचाना जाता है, इस बार एक नए तरह की चर्चा का केंद्र बन गया. लंदन के प्रसिद्ध न्यूरोसाइंटिस्ट डॉ. इटिएल ड्रोर ने महाकुंभ के आयोजन में हिस्सा लिया और अपने अनुभवों को साझा करते हुए भारत की चाय, संस्कृति और ऊर्जा की तारीफ की. उनका यह बयान न केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर को नमन करता है, बल्कि महाकुंभ के महत्व को भी विश्व मंच पर उजागर करता है.

डॉ. ड्रोर ने कहा, “भारत की चाय सबसे बेहतरीन है. यहां की चाय का स्वाद और उसकी सुगंध ऐसी है कि कोई भी इसे नकार नहीं सकता.” यह बयान महाकुंभ के दौरान भारत के आम जीवन और संस्कृति से उनका गहरा जुड़ाव दर्शाता है. उनका कहना था कि महाकुंभ में भावनाओं और अध्यात्म को समझने का एक अलग ही अनुभव मिलता है, जिसे शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल है. उन्होंने इसे “अतुल्य” बताया और कहा कि यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय समाज की समृद्ध सांस्कृतिक जड़ों को भी उजागर करता है.

उनका मानना है कि ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में बहुत सी कठिनाइयां आईं, लेकिन भारतीय युवाओं ने अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोकर रखा है. उन्होंने भारतीय युवाओं की ऊर्जा और उत्साह की सराहना करते हुए कहा कि ये युवा अपने देश और संस्कृति के प्रति बेहद जुड़ाव महसूस करते हैं. उनका यह भी कहना था कि ब्रिटिश शासन ने यहां ट्रेन नेटवर्क विकसित किया था, लेकिन उनका उद्देश्य भारत से संसाधन निकालने का था. बावजूद इसके, भारतीय समाज की स्थिरता और ताकत को कभी खत्म नहीं किया जा सका.

महाकुंभ के बारे में बात करते हुए डॉ. ड्रोर ने इसे एक अद्वितीय और शानदार आयोजन बताया. हालांकि, उन्होंने भारतीय राजनीति के बारे में कुछ ज्यादा न बोलने का फैसला किया, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों के प्रति अपनी संवेदनशीलता व्यक्त की. उनका कहना था कि भारत में हर स्थान पर ऊर्जा और आत्मविश्वास का अहसास होता है, जो अन्य देशों में शायद कम देखने को मिलता है.

डॉ. इटिएल ड्रोर ने भारत को 60-70 देशों के अनुभव के बाद भी सबसे बेहतर बताया और कहा कि यहां की संस्कृति, लोग और अनुभव हमेशा याद रखने लायक होते हैं. इस महाकुंभ के दौरान भारत ने एक बार फिर से साबित कर दिया कि यहां की अद्भुत परंपराएँ और सांस्कृतिक धरोहर वैश्विक स्तर पर आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं.

रिपोर्टेड बाई- आलोक शुक्ला

homedharm

लंदन के न्यूरोसाइंटिस्ट ने कहा, आज तक संस्कृति को रखा संभाल कर

Hot this week

Topics

How to make Imarti with urad dal। हलवाई जैसी इमरती बनाने की विधि

Imarti Recipe : इमरती… नाम सुनते ही मुंह...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img