महाकुंभ में सबसे पहले स्नान करने का अधिकार नागा साधुओं को होता है.इन्हें भगवान शिव के परम भक्त माना जाता है.
Maha Kumbh 2025 Snan Niyam: हिन्दू धर्म में महाकुंभ मेला एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व है, जिसे विशेष श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है. इस दौरान लाखों श्रद्धालु पवित्र नदी में स्नान करने के लिए एकत्र होते हैं. कुंभ के स्नान को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह मानव जीवन के पुण्य को बढ़ाता है और आत्मा को शुद्ध करता है. इस आर्टिकल में हम उन नियमों के बारे में जानेंगे, जिनका पालन गृहस्थों को महाकुंभ स्नान के समय करना चाहिए. क्या हैं वे नियम आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिष आचार्य पंडित योगेश चौरे से.
महाकुंभ में स्नान करने के नियम
1. नागा साधुओं का स्नान सबसे पहले
महाकुंभ मेले में सबसे पहले स्नान करने का अधिकार नागा साधुओं को होता है. इन्हें भगवान शिव के परम भक्त माना जाता है और उनकी तपस्या व साधना के कारण इन्हें यह विशेष स्थान मिलता है. इन साधुओं के बाद ही गृहस्थों को स्नान करना चाहिए.
2. 5 बार डुबकी का महत्व
यदि आप महाकुंभ में स्नान करने के लिए जा रहे हैं और आप गृहस्थ हैं, तो आपको पांच बार डुबकी लगाने की सलाह दी जाती है. माना जाता है कि बिना पांच डुबकी लगाए स्नान पूरा नहीं होता और धार्मिक यात्रा अधूरी रह जाती है.
3. धार्मिक स्थानों का दर्शन
कुंभ मेला केवल स्नान तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके साथ कुछ खास धार्मिक स्थानों के दर्शन भी जरूरी माने जाते हैं. जैसे कि प्रयागराज में स्थित लेटे हुए हनुमान जी और नागावासुकी मंदिर में दर्शन करना. इन मंदिरों के दर्शन के बिना स्नान का पुण्य अधूरा समझा जाता है.
4. शाही स्नान तिथियां
महाकुंभ मेले में शाही स्नान के लिए विशेष तिथियां निर्धारित की जाती हैं. इन तिथियों पर स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है. 2025 के लिए शाही स्नान की तिथियां इस प्रकार हैं:
– 13 जनवरी 2025: पौष पूर्णिमा
– 14 जनवरी 2025: मकर संक्रांति
– 29 जनवरी 2025: मौनी अमावस्या
– 3 फरवरी 2025: वसंत पंचमी
– 12 फरवरी 2025: माघ पूर्णिमा
– 26 फरवरी 2025: महाशिवरात्रि
FIRST PUBLISHED : January 7, 2025, 24:13 IST