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चंद्रमा ऋषि आश्रम के महंत बम बम गिरी के अनुसार माता अनुसूया और अत्रि ऋषि को ब्रह्मा, विष्णु, महेश को पुत्र के रूप में प्राप्त करने के लिए माता तपस्या करने लगी. देवी पार्वती, सरस्वती और लक्ष्मी जी ने माता अनसूया की परीक्षा लेने का मन बनाया और अपने-अपने पतियों को माता अनुसूया से भिक्षा लेने के लिए भेज दिया. अपने अंतरध्यान से सब कुछ समझते हुए माता अनुसूया ने तीनों देवों को बाल रूप में परिवर्तित कर स्तनपान कराया. इससे सभी देवी देवता प्रसन्न हो गए. तपस्या पूरी होने के बाद माता अनुसूया और अत्रि ऋषि को महर्षि दुर्वासा, महर्षि दत्तात्रेय और चंद्रमा ऋषि नामक तीन पुत्र प्राप्त हुए.