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Maha Shivratri 2025 Date: यूं तो हर महीने में शिवरात्रि होती है, लेकिन फाल्गुन मास की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है. मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर महादेव की माता पार्वती से शादी होती है. इस रात पूजा का भी अलग विधान है. जानें सब…

महाशिवरात्रि पर महादेव को प्रसन्न करने की पूजा विधि.
देवघर: शिव भक्तों को महाशिवरात्रि का बेसब्री से इंतजार रहता है. माना जाता है कि इस दिन व्रत रखकर विधि-विधान के साथ भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस साल महाशिवरात्रि की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बनी है. देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानते हैं कि इस बार महाशिवरात्रि कब है और क्या खास है?
देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने Bharat.one को बताया कि हर महीने की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है, लेकिन फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाता है. शिव पुराण के अनुसार इसी दिन माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह संपन्न हुआ था. 2025 में 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा.
कब शुरू होगी चतुर्दशी तिथि
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि हर साल फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती है. इस साल चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 26 फरवरी सुबह 9 बजकर 19 मिनट से हो रही है और समापन अगले दिन 27 फरवरी दिन गुरुवार सुबह 8 बजकर 9 मिनट पर होगा. क्योंकि, महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा रात्रि में की जाती है, इसलिए 26 फरवरी को ही महाशिवरात्रि मनाई जाएगी.
कैसे करें इस दिन भगवान शिव की पूजा
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ की विधि विधान के साथ पूजा करनी चाहिए. इससे भगवान भोलेनाथ बेहद प्रसन्न होते हैं. महादेव की रात्रि के चार पहर में पूजा की जाती है. अगर भक्त महाशिवरात्रि पर गंगाजल से अभिषेक करें और अपनी मनोकामना लिए 108 बेलपत्र अर्पण कर पूजा करें, साथ में रात्रि जागरण करें तो भक्त की सारी मनोकामनाएं भोले बाबा पूर्ण करते हैं.
Deoghar,Jharkhand
January 19, 2025, 09:19 IST
कब है महाशिवरात्रि? इस विधि से करें पूरी रात पूजा, महादेव होंगे प्रसन्न, जानें
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.