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Margashirsha month 2025: मार्गशीर्ष मास हिंदू पंचांग का नौवां महीना है, जिसे भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित माना गया है. इस महीने में स्नान, दान और दीपदान का विशेष महत्व बताया गया है.धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण के अनुसार, मार्गशीर्ष माह में श्रीकृष्ण, लड्डू गोपाल या बाबा श्याम की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस माह में तुलसी पूजन, मुख्य द्वार पर दीपक जलाना और दान-पुण्य करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है.
अभी मार्गशीर्ष का महीना चल रहा है, हिंदू धर्म में इस महीने का विशेष महत्व है. हिंदू पंचांग का यह नौवां महीना होता है. यह महीना भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित होता है. ऐसे में इस माह में किए गए स्नान-दान व दीप दान से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति सभी सुखों को भोगकर अंत में मोक्ष को प्राप्त करता है. धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि मार्गशीर्ष माह में ही भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था.
इस महीने में की जाने वाली पूजा-अर्चना के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है. इसके अलावा क्या करना अधिक फलदायी होता है, इसकी जानकारी भी होनी चाहिए. आज की धर्म स्पेशल इस खबर में हम आपको बताएंगे कि मार्गशीर्ष माह के दौरान क्या आप ऐसा कर सकते हैं, जिससे भगवान श्रीकृष्ण की कृपा आप पर अधिक रहे और जीवन सुखमय हो.
धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि मार्गशीर्ष महीने में रोजाना भगवान श्रीकृष्ण की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. आप भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल स्वरूप या बाबा श्याम की की भी उपासना कर सकते हैं, क्योंकि बाबा श्याम की पूजा करने से भगवान कृष्ण की पूजा मानी जाती है. इसके अलावा इस माह में पवित्र नदी में स्नान करना बहुत शुभ माना गया है. मान्यता है कि ऐसा करने से पापों से मुक्ति मिलती है.
मार्गशीर्ष माह में नियमित रूप से तुलसी पूजन करना चाहिए और तुलसी के पौधे के नीचे सुबह-शाम दीपक जलाना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में कभी धन की कमी नहीं आती है. इसके अलावा सबसे खास बात मार्गशीर्ष माह में मुख्य द्वार पर रोजाना दीपक जलाना चाहिए. ऐसा करने घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है और गृह क्लेश से मिलती मिलती है.
धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि इस माह में दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है. इसके अलावा अन्न, वस्त्र, गुड़, कंबल व धन का दान करने से करियर में तरक्की मिलती है. यह महीना करियर के लिए भी अच्छा होता है. वहीं, इस महीने में आने वाले व्रतों का भी विशेष महत्व है. धर्म विशेषज्ञ के अनुसार, मार्गशीर्ष के महीने में 13 व्रत आते हैं. इन सभी को करने से इस भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं.
धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि इस माह में 8 नवंबर को संकष्टी चतुर्थी, 12 नवंबर को कालभैरव जयंती, 15 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी और 16 नवंबर को वृश्चिक संक्रांति रहेगी. इसके बाद 17 नवंबर को सोम प्रदोष व्रत, 18 नवंबर को मासिक शिवरात्रि और 20 नवंबर को अमावस्या मनाई जाएगी. माह के अंतिम दिनों में 25 नवंबर को विवाह पंचमी, 26 को स्कंद षष्ठी, 28 को दुर्गाष्टमी व्रत मनाया जाएगा. इसके अलावा 1 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती का पर्व रहेगा, 2 दिसंबर को भौम प्रदोष व्रत व मत्स्य द्वादशी और 4 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा. इस पूरे माह में व्रत-पूजा, दान-पुण्य और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया जा सकता है.
