Mercury In 10th House: जब कोई इंसान अपनी कुंडली में बुध ग्रह को दसवें भाव में देखता है, तो अक्सर यह सवाल मन में आता है- “क्या यह मुझे करियर में ऊंचाई देगा या दिमागी उलझनें बढ़ाएगा?” दरअसल, बुध ऐसा ग्रह है जो बुद्धि, तर्क, बात करने की कला, व्यापार, सोचने की क्षमता और प्लानिंग को दिखाता है. वहीं दसवां भाव कर्म, नौकरी, करियर, समाज में इज्जत और उपलब्धियों से जुड़ा होता है. जब बुध यहां आता है, तो व्यक्ति की काम करने की शैली, उसकी सोच, और दूसरों के साथ तालमेल बनाने का तरीका बिल्कुल अलग हो जाता है, अगर बुध मजबूत हो तो व्यक्ति का दिमाग तेज़ चलता है, फैसले सही समय पर लेता है और अपने दिमाग से बड़ा नाम बना सकता है, लेकिन अगर यह कमजोर या अशुभ ग्रहों से पीड़ित हो, तो वही बुध व्यक्ति को हद से ज़्यादा सोचने वाला, संदेह करने वाला या बोलने में गलती करने वाला बना सकता है. दसवां भाव कर्म का घर है, और बुध वहां बैठकर इंसान को कर्म के प्रति समझदार तो बनाता है, पर कभी-कभी अधिक चतुराई भी नुकसान दे सकती है. तो आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी, वास्तु विशेषज्ञ एवं न्यूमेरोलॉजिस्ट हिमाचल सिंह से बुध के दसवें भाव में होने के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव, और ऐसे कौन से उपाय हैं जिनसे इसका गलत असर दूर किया जा सकता है.
बुध के दसवें भाव में सकारात्मक प्रभाव
जब बुध मजबूत होता है और शुभ ग्रहों के साथ बैठता है, तो यह व्यक्ति के करियर को ऊंचाई तक ले जा सकता है. ऐसे लोग दिमाग से बहुत तेज़ होते हैं और बातों से किसी को भी अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं, ये लोग खासतौर पर उन क्षेत्रों में सफलता पाते हैं जहां दिमाग और कम्युनिकेशन दोनों की ज़रूरत होती है जैसे मीडिया, पब्लिक रिलेशन, मार्केटिंग, टीचिंग, एडवाइजिंग, फाइनेंस, या बिजनेस कंसल्टेंसी.

बुध के इस स्थान पर होने से व्यक्ति की सोच साफ़ रहती है, वह प्लान बनाकर काम करता है और दूसरों को समझाने की कला उसमें होती है, ये लोग छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखते हैं, इसलिए टीम में इनकी वैल्यू ज़्यादा होती है.
कई बार ऐसे लोग बहुत कम उम्र में ही बड़ा नाम कमा लेते हैं क्योंकि इन्हें लोगों की मनोवृत्ति समझने की क्षमता होती है.
अगर कुंडली में सूर्य या बृहस्पति का साथ मिल जाए, तो यह व्यक्ति को सरकारी या उच्च पद दिला सकता है.
बुध यहां व्यक्ति को कर्म के प्रति जागरूक, समाज में प्रतिष्ठित और व्यवहारिक बनाता है. ऐसे लोग अपनी समझदारी से मुसीबत से भी निकल जाते हैं.
बुध के दसवें भाव में नकारात्मक प्रभाव
अगर बुध अशुभ ग्रहों के प्रभाव में आ जाए या नीच का हो जाए, तो इसका असर व्यक्ति की सोच और व्यवहार दोनों पर पड़ता है. ऐसे लोग ज़रूरत से ज़्यादा सोचते हैं, जल्दी-जल्दी राय बदल लेते हैं और अपने फैसलों में स्थिरता नहीं रख पाते.
कई बार ये अपनी बातों से खुद ही उलझ जाते हैं, जिससे लोगों में उनकी बात का भरोसा कम हो जाता है.
नकारात्मक बुध व्यक्ति को बहुत चालाक या लालची भी बना सकता है, जिससे वो अपने फायदे के लिए दूसरों को नुकसान पहुंचा सकता है.
कई बार ऐसा व्यक्ति अपने काम या करियर में बार-बार बदलाव करता है, क्योंकि उसका मन एक जगह टिकता नहीं.
बुध के दोष दूर करने के उपाय
अगर दसवें भाव में बुध कमजोर हो और शनि या राहु की दृष्टि हो, तो व्यक्ति अपनी बुद्धि का गलत इस्तेमाल करने लगता है जैसे दूसरों को बेवकूफ बनाना या गलत रास्तों से पैसा कमाना.
इस स्थिति में दिमाग तो तेज़ होता है, लेकिन दिशा गलत हो जाती है.
ऐसे लोगों को अपने बोल और फैसलों पर काबू रखना ज़रूरी होता है, वरना अच्छी सोच भी गलत रास्ते पर चली जाती है.
बुध के दोषों से बचने के उपाय
1. हर बुधवार को हरी चीज़ें दान करें- जैसे हरी मूंग, हरी सब्जियां या पन्ना रत्न पहनने से बुध को मज़बूती मिलती है.
2. गाय को हरा चारा खिलाएं- यह उपाय बुध के क्रोध को शांत करता है.
3. “ॐ बुं बुधाय नमः” मंत्र का जाप करें- रोज़ कम से कम 108 बार जाप करने से बुध के बुरे असर कम होते हैं.
4. बोलने से पहले सोचें- बुध की खराब स्थिति का असर ज़्यादातर शब्दों और निर्णयों पर पड़ता है, इसलिए सोच-समझकर बोलना शुभ होता है.
5. हरे कपड़े पहनें या हरे रंग की चीज़ें अपने पास रखें- यह बुध को सकारात्मक ऊर्जा देता है.
6. गणेश जी की पूजा करें, क्योंकि वे बुध के स्वामी माने जाते हैं. बुधवार को गणेश जी को दूर्वा और मोदक अर्पित करने से बुध मजबूत होता है.