देवघर. सभी एकादशियों का व्रत भगवान श्री विष्णु को समर्पित रहता है. साल भर में कुल 24 एकादशी का व्रत रखा जाता है. माना जाता है कि एकादशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा आराधना करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. वहीं मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है. मोक्षदा एकादशी के दिन स्नान कर व्रत रख कर भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी दुखों का नाश होता है, तो आईये देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानते हैं कि कब है मोक्षदा एकादशी और इस दिन भगवान विष्णु की पूजा आराधना कैसी करनी चाहिए.
क्या कहते हैं देवघर के ज्योतिषाचार्य?
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने Bharat.one के संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है इस साल मोक्षदा एकादशी का व्रत 11 दिसंबर को रखा जाएगा.इस एकादशी का व्रत रखने से मनुष्य को पुण्य के आधार पर मोक्ष की प्राप्ति होती है.वही मोक्षदा एकादशी के दिन ही गीता जयंती भी मनाई जाती है इस दिन गीता का पाठ अवश्य पढ़ना चाहिए. इससे भगवान श्री कृष्णा बेहद प्रसन्न होते हैं.
कब से शुरु हो रही है एकादशी तिथि?
ज्योतिषाचार्य बताते हैं की एकादशी तिथि की शुरुआत 11 दिसंबर की रात 02 बजकर 43 मिनट से हो रही है और समापन अगले दिन 12 नवंबर की रात 03 बजकर 19 मिनट मे हो रहा है. उदयातिथि 11 दिसंबर को है इसलिए 11 दिसंबर को ही एकादशी का व्रत रखा जाएगा.
क्या बन रहे हैं शुभ योग?
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि मोक्षदा एकादशी के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं. मोक्षदा एकादशी के दिन रेवती नक्षत्र के साथ वारियान और परिध योग का निर्माण हो रहा है. इस दिन का महत्व और भी खास हो जाता है.
क्या करे मोक्षदा एकादशी के दिन ?
मोक्षदा एकादशी के दिन सुबह स्नान कर व्रत का संकल्प ले.फिर भगवान श्री विष्णु की पूजा आराधना करें.पूजा आराधना करते वक्त “ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि. तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्”॥ मंत्र का 108 बार जाप करें. फिर भगवान विष्णु को पीला फल यानी केला,धनिया का पंजीरी,मखाने का खीर,पंचामृत, पीले रंग की मिठाई इत्यादि का भोग लगाना चाहिए.इससे भगवान विष्णु बेहद प्रसन्न होते हैं जातक की मांगी गई मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण करते हैं. भगवान विष्णु के प्रश्न होते ही घर में सुख समृद्धि की वृद्धि होती है और सभी प्रकार के संकट समाप्त हो जाते हैं.
FIRST PUBLISHED : November 30, 2024, 13:27 IST
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