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Mother Vindhyavasini’s court is built in this mountain of Banda, mountain was made white after curse – Uttar Pradesh News


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यहां विराजमान मां विंध्यवासिनी को देश के प्रमुख 108 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. मान्यता है कि नवरात्रि की अष्टमी तिथि को मां विंध्यवासिनी मिर्जापुर से आकर बांदा के इसी खत्री पर्वत पर विराजमान होती हैं.इसी आस्था के साथ भक्त यहां पूजा अर्चना के लिए पहुंचते है.

बांदा. नवरात्रि के पर्व चल रहा है. ऐसे में देश भर में नवरात्रि का पावन पर्व हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में आज हम आप को बुंदेलखंड के एक ऐसे मंदिर के बारे ने बताने जा रहे है.जो ऊंची पहाड़ियों में बना हुआ है,जिसको लोग मां विंध्यवासिनी के नाम से जानते है.नवरात्रि के दिनों में यहां भक्तों की अच्छी खासी भीड़ भी देखने को मिलती है.

108 शक्ति पीठों में है यह मंदिर

बता दे कि बांदा जिले में स्थित द्वापर युगीन प्राचीन मंदिर मां विंध्यवासिनी दरबार में कई साल पुराना मंदिर है.यह स्थान बांदा के गिरवा थाना क्षेत्र के शेरपुर गांव में स्थित खत्री पहाड़ पर स्थित है. यहां विराजमान मां विंध्यवासिनी को देश के प्रमुख 108 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. मान्यता है कि नवरात्रि की अष्टमी तिथि को मां विंध्यवासिनी मिर्जापुर से आकर बांदा के इसी खत्री पर्वत पर विराजमान होती हैं.इसी आस्था के साथ भक्त यहां पूजा अर्चना के लिए पहुंचते है.

पुजारी ने दी जानकारी

वही मंदिर के पुजारी ने बताया कि इस पर्वत का पौराणिक संबंध द्वापर युग के राजा कंस, नंद बाबा और माता देवकी से जुड़ा बताया जाता है. धार्मिक ग्रंथों और स्थानीय मान्यताओं के अनुसार जब कंस ने कारागार में जन्मी कन्या रूपी देवी को पत्थर पर पटकने की कोशिश की थी, तो वह देवी आकाश में विलीन हो गईं. कहा जाता है कि वही देवी बांदा के इस खत्री पर्वत पर आईं, लेकिन पर्वत उनके भार को सहन नहीं कर पाया, इस पर देवी ने क्रोधित होकर पर्वत को कोढ़ का श्राप दिया, जिससे इसका रंग सफेद हो गया. इसी कारण इस पर्वत को आज खत्री पहाड़ के नाम से जाना जाता है.

अष्टमी को इस मंदिर आती है माता

उन्होंने आगे की जानकारी में बताया कि पर्वत ने देवी से क्षमा याचना की, तब देवी ने आशीर्वाद दिया कि वह हर वर्ष नवरात्र की अष्टमी को यहां विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगी.तभी से यहां हर वर्ष नवरात्रि पर भव्य धार्मिक मेला और श्रद्धा समागम आयोजित किया जाता है।

वही दूर दराज से दर्शन करने आए भक्तों का कहना है कि वह हर साल इस माता के मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं सबसे खासियत यह है की माता से जो भी मुरादे मांगो वह सब पूरी होती है इसी आस्था और श्रद्धा के साथ वह हर साल माता रानी के दर्शन और पूजन के लिए आते हैं।

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Priyanshu Gupta

Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu…और पढ़ें

Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu… और पढ़ें

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बांदा के इस पहाड़ में मां विंध्यवासिनी का दरबार, श्राप से पर्वत हो गया सफेद

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