Friday, September 26, 2025
27 C
Surat

Navratri: जमीन से निकली थी देवी की मूर्ति, भक्ति में लीन हो खौलते तेल की कड़ाही में कूद जाते थे राजा, रोचक कहानी


Last Updated:

Jabalpur News: मंदिर के पुजारी रामकिशोर दुबे ने Bharat.one से कहा कि राजा कर्ण देव मां के अनन्य भक्त थे. वह भक्ति में लीन होकर खौलते तेल की कड़ाही में कूद जाया करते थे. चूंकि मां का आशीर्वाद उन्हें प्राप्त था, इसलिए राजा ठीक हो जाया करते थे.

जबलपुर. मध्य प्रदेश के माता त्रिपुर सुंदरी मंदिर को 11वीं शताब्दी में राजा कर्ण देव ने बनवाया था. यह मंदिर कलचुरी कालीन है. दावा है कि मंदिर में स्थापित देवी की मूर्ति जमीन से निकली थी. माता को त्रिपुर सुंदरी इसलिए कहा जाता है क्योंकि तीनों लोक में इनसे सुंदर कोई नहीं है. शिलालेख में यह बात दर्ज है. मान्यता है कि मंदिर में नारियल बांधने से मनोकामना पूरी होती है. यह मंदिर जबलपुर शहर से करीब 13 किलोमीटर दूर भेड़ाघाट रोड पर तेवर गांव में स्थित है. मंदिर में भक्तों का जनसैलाब उमड़ता है.

मंदिर में स्थापित माता की मूर्ति केवल एक शिलाखंड के सहारे पश्चिम दिशा की ओर मुंह किए हुए अधलेटी अवस्था में है. मंदिर में मां महाकाली, मां महालक्ष्मी और मां सरस्वती की विशाल मूर्तियां स्थापित हैं. तीनों ही माताएं शक्ति के रूप में मूर्ति में विराजमान हैं. देवियां कलचुरी राजा कर्ण देव की कुलदेवी थीं.

खौलते तेल की कड़ाही में कूद जाते थे राजा
मंदिर के पुजारी रामकिशोर दुबे ने Bharat.one को बताया कि राजा कर्ण देव मां के अनन्य भक्त थे. राजा भक्ति में इतने लीन हो जाते थे कि वह खौलते तेल की कड़ाही में कूद जाया करते थे. मां का आशीर्वाद प्राप्त होने से राजा ठीक हो जाया करते थे. वहीं मां प्रसन्न होकर उन्हें सवा मन सोना देती थीं. मंदिर का प्रबंधन पुरातत्व विभाग करता है. यहां खुदाई में कलचुरी कालीन के अवशेष भी मिल चुके हैं. कलचुरी काल के पतन के बाद तेवर में जंगल हुआ करता था और आज भी मंदिर जंगलों के बीच बना हुआ है, जहां नजदीक में ही तेवर बस्ती बसी हुई है.

त्रिपुर केंद्र तांत्रिक पीठ
इतिहासकार डॉ आनंद सिंह राणा Bharat.one को बताते हैं त्रिपुर केंद्र तांत्रिक पीठ भी हुआ करता था, जहां कठोर साधना कर भगवान शिव को प्रसन्न किया जाता था. पुरातत्व विभाग इस मंदिर के नजदीक खुदाई भी कर चुका है. यहां एक व्यवस्थित नगर होने की भी पुष्टि की जा चुकी है. मंदिर के आसपास खुदाई करने पर कलचुरी काल की सामग्री निकल चुकी है. त्रिपुर सुंदरी के इस मंदिर में बाकी दिनों की अपेक्षा नवरात्रि में काफी भीड़ रहती है. सुबह से लेकर रात तक श्रद्धालु माता रानी के दर्शन करने पहुंचते हैं.

डॉलर और यूरो का चढ़ावा
त्रिपुर सुंदरी के मंदिर में सिर्फ देश से ही नहीं बल्कि विदेश से भी भक्त आते हैं, जिसका खुलासा दान पेटी से होता है. चढ़ावे के तौर पर भक्तों द्वारा डॉलर और यूरो तक चढ़ाए जाते हैं. सेलिब्रिटीज भी माता के दर्शनों के लिए मंदिर आते हैं.

authorimg

Rahul Singh

राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.

राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homedharm

माता त्रिपुर सुंदरी मंदिर की अनसुनी बातें, जमीन से निकली थी देवी की मूर्ति

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

Hot this week

Health Tips: औषधीय गुणों का खजाना है ये हरा पत्ता, दिल और आंतों के लिए रामबाण

पीपल का पौधा न केवल धार्मिक दृष्टि से...

Topics

How to prevent Diabetes|डायबिटीज से कैसे बचें

How to prevent Diabetes: भारत को डायबिटीज कैपिटल...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img