Last Updated:
Pashan Devi Mandir Nainital: नैनीताल का पाषाण देवी मंदिर आस्था और चमत्कार का अद्भुत केंद्र है. नैनी झील के किनारे स्थित यह मंदिर मां दुर्गा के नौ स्वरूपों का अद्वितीय स्थल है, जहां श्रद्धालु शैलपुत्री से लेकर सिद्धिदात्री तक के सभी रूपों के दर्शन कर सकते हैं. नवरात्रि में यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है और मान्यता है कि मां के दर्शन से हर संकट दूर होता है. यह मंदिर न केवल उत्तराखंड बल्कि देशभर के श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है.

नैनीताल की खूबसूरत नैनी झील के किनारे ठंडी सड़क (Thandi Sadak Nainital) पर स्थित मां पाषाण देवी मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का अद्भुत केंद्र है. इस मंदिर से नैनीताल की खूबसूरत पहाड़ियों का अद्भुत नज़ारा देखने को मिलता है. इस मंदिर में देवी भगवती के अनोखे स्वरूप के दर्शन होते हैं. यह मंदिर अपने चमत्कारी स्वरूप के साथ ही शक्तियों के लिए भी जाना जाता है.

पाषाण देवी मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां पर मां दुर्गा के नौ स्वरूप पिंडियों के रूप में विराजमान हैं. जो स्वयं चट्टान पर उभरे हुए हैं. भक्त एक ही स्थान पर चट्टान में शैलपुत्री से लेकर सिद्धिदात्री तक के सभी रूपों के दर्शन कर सकते हैं. नवरात्रि के समय यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है, क्योंकि माना जाता है कि मां के इन नौ रूपों के दर्शन करने से जीवन में हर संकट दूर हो जाता है.

उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु इस मंदिर में मां के दर्शन करने आते हैं. मान्यता है कि मां पाषाण देवी के गला और सिर चट्टान में उभरा हुआ है, जबकि अन्य पूरा शरीर नैनीझील के भीतर स्थित है. श्रद्धालु मानते हैं कि मां के नौ स्वरूपों का आशीर्वाद पाकर सुख-समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है.

मंदिर के पुजारी जगदीश भट्ट बताते हैं कि मां पाषाण देवी को लाल सिंदूर लगाया जाता है. और मां की रोजाना सुबह शाम विशेष आरती की जाती है. उन्होंने बताया कि मां से सच्चे मन से मांगी गई मुराद अवश्य पूरी होती है. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी और उनकी बेटी उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूरी भी मां की अनन्य भक्त हैं और समय समय पर मां के दर्शन करने नैनीताल पहुंचती हैं.

स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, पाषाण देवी मंदिर में दर्शन करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है. नौ देवियों के पिंड स्वरूप एक साथ मिलने का यह अद्वितीय स्थल भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है. कहते हैं कि मां भगवती स्वयं इस स्थान पर विराजमान होकर अपने भक्तों की रक्षा करती हैं. यही वजह है कि नैनीताल आने वाले श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन करने अवश्य पहुंचते हैं.