Navratri 2024 3rd Day Upay: माता रानी की पूजा और उन्हें प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि का पर्व खास माना जाता है. यह साल में 4 बार आता है, जिसमें से एक चैत्र और दूसरी शारदीय नवरात्रि के अलावा दो अन्य गुप्त नवरात्रि होती हैं. फिलहाल, अश्विन माह में शारदीय नवरात्रि चल रही है. इस बार इस महापर्व की शुरुआत 3 अक्टूबर से हुई है. बता दें कि, नवरात्रि के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की पूजा करने का विधान है. ऐसा माना जाता है कि उनकी पूजा से भक्तों के सभी तरह के पाप नष्ट हो जाते हैं और अगर जीवन में किसी तरह का भय है तो उससे भी मुक्ति मिलती है.
नवरात्रि का तीसरा दिन
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक समय धरती पर राक्षसों ने अपना आधिपत्य कर लिया और लोगों को हर तरह से परेशान कर दिया. यहां तक कि महिषासुर नाम के राक्षस ने देवताओं को भी नहीं छोड़ा और देवराज इंद्र के सिंहासन को हथियाने स्वर्ग लोक तक पहुंच गया. ऐसे में धरती और स्वर्ग को राक्षसों से मुक्त कराने देवतागण भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश के पहुंचे, जिसके बाद तीनों देवों ने क्रोध जताया. इस दौरान उनके मुख से एक दैवीय ऊर्जा निकली, जो मां चंद्रघंटा के रूप में अवतरित हुईं. देवी चंद्रघंटा को भगवान शिव ने त्रिशूल, विष्णु जी ने चक्र, इंद्र ने अपना घंटा और सूर्य ने अपना तेज दिया. जिसके बाद देवी चंद्रघंटा ने महिषासुर का वध किया.
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मूलांक 3 वाले जातक करें ये उपाय
1- इस दिन मूलांक 3 वालों को मां को दूध या दूध से बनी मिठाई और खीर का भोग लगाना चाहिए. माता चंद्रघंटा को शहद का भोग भी लगाया जाता है.
2. मां को भोग लगाने के बाद दूध का दान भी करें और ब्राह्मण को भोजन करवा कर दक्षिणा दान में दें.
3. मूलांक 3 वालों को मां को दही का भोग लगाना चाहिए, शीतलता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. दही भी मां चंद्रघंटा को प्रिय है, आप दही को फलों के साथ मिलाकर भी चढ़ा सकते हैं.
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माता की पूजा और भोग में यह पढ़ें मंत्र:
या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:।।पिण्डजप्रवरारूढ़ा ण्डकोपास्त्रकेर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥
ऐसे निकालें मूलांक
जिस तरह हर व्यक्ति के नाम के अनुसार राशि होती है, उसी तरह उस व्यक्ति की जन्म तारीख से उसके जन्म का अंक यानी जन्मांक होता है, जिसको मूलांक कहते हैं. इसको अंग्रेजी में ड्राइवर नंबर या पर्सनेलिटी नंबर भी कहते हैं. हर ग्रह का एक नंबर होता है, जो आपके मूलांक के रूप में उस ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है.
अंक शास्त्र के अनुसार, अपने नंबर निकालने के लिए आप अपनी जन्म तिथि, महीने और वर्ष को इकाई अंक तक जोड़ें और तब जो संख्या आएगी, वही आपका भाग्यांक होगा और जन्म तारीख अंकों को जोड़ने पर उस जातक का मूलांक प्राप्त होता है. उदाहरण के तौर पर किसी भी महीने के 3, 12, 30 तारीख को जन्मे लोगों का मूलांक 3 होगा.
FIRST PUBLISHED : October 5, 2024, 07:42 IST