शुभम मरमट / उज्जैन. हिन्दू धर्म में नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व है. नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है. नवरात्रि के दिनों में भगवती मां दुर्गा पूरे नौ दिन तक धरती पर आकर अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं. उज्जैन के पंडित आनंद भारद्वाज ने बताया कि नवरात्रि के छठे दिन किस देवी की उपासना की जाए.
नवदुर्गा के छठे स्वरूप में मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. मां कात्यायनी का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था. इसलिए इन्हें कात्यायनी कहा जाता है. इनकी चार भुजाओं में अस्त्र-शस्त्र और कमल का पुष्प है. इनका वाहन सिंह है. ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं. आइए आपको मां कात्यायनी की पूजन विधि बताते हैं.
मां कात्यायनी की पूजा के लाभ
मां कात्ययानी की पूजा को कन्याओं के शीघ्र विवाह के लिए अद्भुत माना जाता है. मनचाहे विवाह और प्रेम विवाह के लिए भी इनकी उपासना की जाती है. वैवाहिक जीवन के लिए भी इनकी पूजा फलदायी होती है. अगर कुंडली में विवाह के योग क्षीण या कमजोर हों तो भी विवाह हो जाता है.
मां कात्यायानी का भोग
नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्ययानी को शहद का भोग लगाएं. फिर इसे प्रसाद के रूप में सबको बांट दें. इससे आपकी तमाम मनोकामनाएं पूरी हो जाएंगी.
मां कात्यायनी की पूजा का महत्व
1. यदि आप कोई जटिल कार्य प्रारंभ करने जा रहे हैं और उसमें सफलता चाहिए तो आपको मां कात्यायनी की पूजा करनी चाहिए.
2. मां कात्यायनी की पूजा करने से यश की प्राप्ति होती है. व्यक्ति को संसार में उसके कर्मों के कारण ख्याति मिलती है.
3. शत्रुओं पर विजय प्राप्ति के लिए भी मां कात्यायनी की पूजा करते हैं. यह स्वयं नकारात्मक शक्तियों का अंत करने वाली देवी हैं.
जरूर करे इन मंत्रो का जाप
– कात्यायनी महामाये , महायोगिन्यधीश्वरी।
नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।
– ॐ ह्रीं नम:।।’
चन्द्रहासोज्जवलकराशार्दुलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।।
ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥
FIRST PUBLISHED : October 7, 2024, 13:04 IST