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Rishikesh Kali Mandir : इस मंदिर में स्थापित मूर्ति दो सदी पुरानी है. मूर्ति को एक भक्त कोलकाता से यहां लाया था. उस समय ऋषिकेश का यह इलाका पूरी तरह से जंगलों से घिरा था. यहां केवल कुछ ही इमारते थीं. तब से लोगों का तांता लगता आ रहा है.
ऋषिकेश. उत्तराखंड की योगनगरी ऋषिकेश मंदिरों और घाटों के लिए प्रसिद्ध रही है. यह स्थान न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है, बल्कि इसकी प्राकृतिक सुंदरता भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है. ऋषिकेश में हर मंदिर का अपना इतिहास, महत्त्व और विशेषता है. यहां अनेक प्राचीन मंदिर हैं, जिनमें से एक प्रमुख और ऐतिहासिक मंदिर है त्रिवेणी घाट रोड पर स्थित काली मंदिर. यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है, बल्कि यहां की पौराणिक कथाएं और स्थानीय मान्यताएं भी इसे विशेष बनाती हैं.
बंगाली बाबा की मेहनत
पुजारी रामसेवक रतूड़ी ने बताया कि मूर्ति को कोलकाता से लाने वाले भक्त को लोग महादेव के नाम से जानते थे और बंगाली बाबा बुलाया करते थे. उनका जीवन केवल भक्ति और धार्मिक कर्मों में समर्पित था. वे मूर्ति को उस स्थान से लेकर आए जहां मां काली ने स्वयं दर्शन दिए थे. महादेव आदि गुरु शंकराचार्य को अपना गुरु मानते थे और मां काली के प्रति उनकी भक्ति अत्यंत गहरी थी. इस मंदिर की वास्तुकला और मूर्ति की सुंदरता भी आकर्षक है.
यहां आने वाले भक्त न केवल पूजा और आराधना करते हैं, बल्कि आध्यात्मिक शांति का अनुभव भी प्राप्त करते हैं. लोग मानते हैं कि इस मंदिर में आकर उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. चाहे वह व्यापार में सफलता हो, परिवार में खुशहाली हो या किसी स्वास्थ्य संबंधी समस्या का समाधान हो, यहां भक्तों की प्रार्थनाएं कभी खाली नहीं जातीं. यही कारण है कि यह मंदिर न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि दूर-दराज के श्रद्धालुओं के लिए भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu…और पढ़ें
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