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Shitala devi temple : उस दौर में चेचक और प्लेग तेजी से फैल रहे थे. अस्पतालों में भी इनका इलाज नहीं हो पा रहा था, तब यह मंदिर संजीवनी की तरह प्रकट हुआ और देखते ही देखते यहां रोगियों की भीड़ उमड़ने लगी, जो आज तक नहीं खत्म हुई.
नैनीताल. उत्तराखंड की सरोवर नगरी नैनीताल अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और धार्मिक आस्था के लिए जानी जाती है. झीलों और पहाड़ों के बीच बसा यह शहर कई प्राचीन और चमत्कारी मंदिरों की पुण्य भूमि है. इन्हीं में से एक है शीतला देवी मंदिर, जो नैनीताल शहर से करीब 3 किलोमीटर दूर प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर के पीछे स्थित है. मान्यता है कि इस मंदिर में मां शीतला देवी के दर्शन मात्र से चेचक और प्लेग जैसी लाइलाज बीमारियों से मुक्ति मिलती है. मंदिर के प्रधान पुजारी नंदाबल्लभ भट्ट बताते हैं कि इस मंदिर की स्थापना उनके पिताजी ने की थी. कहा जाता है कि उनके पिताजी को स्वयं मां शीतला देवी ने स्वप्न में दर्शन देकर इस स्थान पर मंदिर बनाने का आदेश दिया था. इसके बाद यहां मंदिर की स्थापना की गई और देखते ही देखते यह स्थान श्रद्धालुओं के लिए विश्वास का केंद्र बन गया.
पुजारी नंदाबल्लभ बताते हैं कि उस दौर में चेचक और प्लेग जैसी बीमारियां तेजी से फैल रही थीं. शहर में मौजूद अस्पताल में भी इनका इलाज संभव नहीं था. लेकिन मंदिर की स्थापना के बाद मरीज और उनके परिजन यहां आने लगे. आस्था के अनुसार, 20 दिनों के भीतर ही कई लोग पूरी तरह स्वस्थ हो जाते थे. यही वजह थी कि मंदिर की ख्याति पूरे क्षेत्र में फैल गई. पुजारी नंदाबल्लभ बताते हैं कि मंदिर की स्थापना हनुमानगढ़ी मंदिर से भी पहले हो चुकी थी. पहले यहां एक उडियार (गुफा जैसा स्थान) था, जिसमें पत्थर से बनी मां की मूर्ति विराजमान थी. बाद में पिताजी को स्वप्न में आदेश मिलने पर मंदिर का निर्माण कराया गया.
घास में गांठ, घंटियों का चढ़ावा
पुजारी नंदाबल्लभ बताते हैं कि आज भी इस मंदिर में श्रद्धालुओं की गहरी आस्था जुड़ी हुई है. यहां आने वाले भक्तों का विश्वास है कि मां शीतला देवी उनके कष्ट दूर कर देती हैं. मंदिर परिसर के प्रवेश द्वार के पास उगी घांस की गांठ में मनोकामना बांधने की परंपरा है. माना जाता है कि सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है और मनोकामना पूर्ण होने पर भक्त मंदिर में घंटी चढ़ाते हैं. यही वजह है कि मंदिर में आज हजारों घंटियां टंगी हुई दिखाई देती हैं, जो भक्तों की आस्था और विश्वास की गवाही देती हैं.

Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu…और पढ़ें
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