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Navratri 2025 : मंदिर से ज्यादा यहां का घंटा मशहूर, बजने पर ठहर जाता है शहर, इसकी ताकत के आगे देवता फीके


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Rishikesh Temple : इस घंटे का वजन करीब 6500 किलो है. इसे अष्टधातु से बनाया गया है, जो इसे भव्य बनाता है. यह घंटा न केवल देखने में सुंदर है बल्कि शुद्ध और पवित्र ध्वनि पैदा करता है. लोग इसकी ओर दूर से ही खिंचे चले आते हैं.

ऋषिकेश. उत्तराखंड का ऋषिकेश अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्त्व के लिए दुनियाभर में जाना जाता है. यहां अनेक मंदिर और आध्यात्मिक स्थल हैं, जो पर्यटकों और भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. ऐसे ही एक आकर्षण का केंद्र है यह विशाल घंटा, जिसे महंत संध्या ने स्थापित किया. इस घंटे का वजन लगभग 65 क्विंटल यानी 6500 किलोग्राम है. इसे अष्टधातु से निर्मित किया गया है, जो इसे न केवल भव्य बनाता है बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्त्व रखता है. यह घंटा न केवल देखने में सुंदर है बल्कि शुद्ध और पवित्र ध्वनि उत्पन्न करने में भी सक्षम है.

शांति और सुकून

इस विशाल घंटे का धार्मिक महत्त्व अत्यधिक है. Bharat.one से बातचीत में महंत संध्या बताते हैं कि इसे केवल विशेष पर्वों जैसे दीपावली, दशहरा, गुरु पूर्णिमा, नवरात्रि और गुरू महाराज की बरसी के अवसर पर ही विशेष पूजा और आराधना के लिए बजाया जाता है. इन मौकों पर इस घंटे की गूंज पूरे मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र में फैलती है, जो भक्तों को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती है. इसके अलावा, प्रतिदिन इसे केवल आरती के समय ही बजाया जाता है. आरती के दौरान इसकी गूंज वातावरण को एक पवित्र और दिव्य अनुभव से भर देती है, जिससे भक्तों का मन शांति और सुकून से भर जाता है.

अद्भुत अनुभव

इस विशाल घंटे की स्थापत्य कला और भव्यता पर्यटकों को भी आकर्षित करती है. घंटे के आकार और इसकी धातु की चमक देखने में अत्यंत मनमोहक है. कई पर्यटक और भक्त इसकी फोटो लेने और वीडियो बनाने के लिए यहां आते हैं. यह न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है बल्कि स्थापत्य कला के दृष्टिकोण से भी एक अनूठा उदाहरण है. मंदिर परिसर में घूमते हुए पर्यटक घंटे के पास जाकर उसकी विशालता और भव्यता को करीब से देख सकते हैं और उसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कहानी के बारे में जान सकते हैं. ऋषिकेश में आने वाले हर यात्री के लिए ये मंदिर और इसका विशाल घंटा अद्भुत अनुभव हैं.

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Priyanshu Gupta

Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu…और पढ़ें

Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu… और पढ़ें

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मंदिर से ज्यादा घंटा मशहूर, बजने पर ठहर जाता है शहर, ताकत के आगे देवता फीके

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