Panchak kaal During Kharmas 2025: खरमास की शुरुआत 16 दिसंबर से हो चुकी है और इसी बीच पंचक भी लगने वाला है. पंचक को ज्योतिष शास्त्र में बेहद अशुभ समय माना जाता है. खरमास और पंचक, दोनों ही वैदिक पंचांग के महत्वपूर्ण काल हैं. जब ये एक साथ पड़ते हैं, तो सामान्य जन में भ्रम और भय बढ़ जाता है. इस दौरान कई महत्वपूर्ण काम करने से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे परिवार में कलह, आर्थिक नुकसान और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं. अध्यात्म में इस काल को नकारात्मक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक शुद्धि का समय माना गया है इस समय पूजा, जप-तप, ध्यान का विशेष महत्व बताया गया है. साथ ही खरमास में पंचक लगने से 5 चीजों का विशेष ध्यान रखें अन्यथा कई तरह समस्याओं का सामना करना पड़ता है…

खरमास और पंचक कब लगते हैं?
शास्त्रों के अनुसार, जब सूर्य देव धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं, उस काल को खरमास कहा जाता है. यह काल दान, जप, तप, व्रत के लिए शुभ लेकिन विवाह, गृहप्रवेश, मुंडन, यज्ञ जैसे मांगलिक कार्यों के लिए वर्जित माना गया है. वहीं जब चंद्रमा धनिष्ठा के उत्तरार्ध से लेकर रेवती नक्षत्र तक रहता है, तो उसे पंचक कहते हैं. पंचक में पांच तत्व सक्रिय माने गए हैं अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी और आकाश, जिनसे कुछ विशेष कार्य वर्जित होते हैं. जब खरमास के भीतर पंचक पड़ता है, तो इसे शास्त्रों में द्विगुण दोष काल कहा गया है.

कब से लग रहा है पंचक?
पंचांग के अनुसार, दिसंबर 2025 में पंचक 24 दिसंबर दिन बुधवार से 29 दिसंबर दिन सोमवार तक लगने वाला है और 24 दिसंबर को बुधवार पड़ने के कारण इसे राज पंचक कहा जाएगा. इस पांच दिन के दौरान आपको कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है. यह साल 2025 का अंतिम पंचक लगने वाला है और इसलिए इसका प्रभाव कई महत्वपूर्ण कार्यों पर पड़ सकता है.

पंचक की पहला काम
सबसे पहली बात, इस समय बिस्तर या चारपाई बनवाने से बचें. शास्त्रों के अनुसार, इस दौरान शय्या का निर्माण अशुभ माना जाता है. ऐसा करने से घर में कलह और तनाव बढ़ सकता है.
पंचक का दूसरा काम
दूसरी बात, पंचक काल में लकड़ी, घास, या अन्य ज्वलनशील सामग्री का संग्रह ना करें. इस अवधि में ऐसा करने से भविष्य के काम अटक सकते हैं और आर्थिक नुकसान होने की संभावना रहती है, इसलिए जरूरी काम पहले ही निपटा लें और इस समय नए सामान का संग्रह करने से बचें.
पंचक का तीसरा काम
तीसरी बात, इस दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा करना भी वर्जित माना गया है. दक्षिण दिशा यम और पितरों से जुड़ी मानी जाती है और पंचक के समय वहां की यात्रा से बाधाएं और परेशानी आ सकती हैं.
पंचक का चौथा काम
चौथी बात, घर की छत बनवाने का काम भी इस समय ना करें. पंचक में ऐसा करने से पारिवारिक कलह और आर्थिक नुकसान की आशंका बढ़ जाती है. अगर इस दौरान निर्माण कार्य जरूरी हो, तो किसी ज्योतिषाचार्य से परामर्श लेना लाभकारी रहेगा.
पंचक का पांचवा काम
पांचवीं और आखिरी बात, पंचक में किसी भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश या अन्य शुभ कार्य करने से बचें. इस समय शुभ कार्य करने से उसका फल अधूरा रह सकता है और घर-परिवार में समस्याएं बढ़ सकती हैं.

खरमास में पंचक का संयोग
पंचक के इन पांच दिनों में सावधानी रखना बेहद जरूरी है. यह थोड़ा सतर्क रहने का समय है ताकि आने वाले दिन सुरक्षित और शांतिपूर्ण रहें. पंचक का ध्यान रखकर आप अपने परिवार और घर को परेशानियों से बचा सकते हैं. इस काल को नकारात्मक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक शुद्धि का समय माना गया है इसलिए इस समय भगवान विष्णु का जप – ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें. हनुमान चालीसा या सुंदरकांड पाठ करें, अन्न, वस्त्र, तिल, गुड़ आदि चीजों का दान करें, गौ सेवा और बुजुर्गों की सेवा करें.







