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Papankusha Ekadashi 2024 : कब है पापांकुशा एकादशी? ऋषिकेश के ज्योतिषी जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त


ऋषिकेश: हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है. एकादशी को भगवान विष्णु की पूजा और व्रत का पावन दिन माना जाता है. हर माह में दो एकादशी होती हैं—शुक्ल और कृष्ण पक्ष की. धार्मिक मान्यता के अनुसार, एकादशी व्रत रखने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. भक्तजन इस दिन व्रत के साथ उपवास करते हैं, भगवद्गीता और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करते हैं. एकादशी का पालन व्यक्ति को धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाता है. पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 13 अक्टूबर को है जिसे पापांकुशा एकादशी के नाम से जाना जाता है.

ऋषिकेश के श्री सच्चा अखिलेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी शुभम तिवारी ने Bharat.one को बताया कि हिंदू धर्म में एकादशी का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है.धार्मिक मान्यता है कि एकादशी व्रत की विधि विधान से पूजा की जाएं तो घर की आर्थिक स्थिति सुधरने के साथ सुख शांति भी बनी रहती है. कहते हैं कि इस दिन का व्रत करने वाले सभी का पापों का नाश होकर उसे पुण्य मिलता है.

नहीं दिया जाता मां तुलसी को जल
पुजारी शुभम तिवारी ने बताया कि आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पापांकुशा एकादशी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के पद्मनाभ स्वरूप की पूजा की जाती है. मान्यता है कि पापांकुशा एकादशी का व्रत करने से सभी पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन व्रत करने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है. मान्‍यता है कि इस दिन मां तुलसी भी व्रत करती हैं. यही वजह है कि इस दिन तुलसी को जल नहीं दिया जाता है. कहते हैं कि इस दिन तुलसी को जल देने से उनका व्रत खंडित हो जाता है, इसलिए पापांकुशा एकादशी के दिन तुलसी में जल नहीं देना चाहिए.

कब है पापांकुशा एकादशी?
पुजारी शुभम तिवारी ने बताया कि वैदिक पंचांग के अनुसार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी 13 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 08 मिनट से शुरू होकर 14 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगी. उदया तिथि के अनुसार 13 अक्टूबर को पापांकुशा एकादशी मनाई जाएगी. व्रत का पारण 14 अक्‍टूबर को किया जाएगा. इस दिन दान का भी विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन दान करने से व्यक्ति के सभी पापों का क्षय होता है और उसे पुण्य की प्राप्ति होती है. ऐसा माना जाता है कि पापांकुशा एकादशी पर किया गया दान न केवल इस जीवन में, बल्कि अगले जन्मों में भी शुभ फल देता है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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