Friday, September 26, 2025
25.5 C
Surat

Pishach Mochan Kund : काशी में इस पेड़ पर रहते हैं हजारों भूत-प्रेत! जानें पिशाच मोचन कुंड की मान्यता


वाराणसी: काशी महादेव की नगरी है. ऐसी मान्यता है कि यहीं से भगवान शिव ने सृष्टि रचना का प्रारम्भ किया था. धार्मिक मान्यता है कि यहां जो इंसान अंतिम सांस लेता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है इसीलिए कई लोग अपने अंतिम समय में काशी में ही आकर बस जाते हैं. मान्यता है कि काशी में मरने वाले लोगों के कान में भगवान शिव स्वयं तारक मंत्र बोलते हैं. इससे उनकी आत्मा सीधे जन्म-मरण के चक्र से मुक्त हो जाती है. लेकिन जो लोग काशी छोड़ दूसरी जगहों पर मरते हैं उनके मोक्ष प्राप्ति के लिए भी काशी में एक जगह है जिसे पिशाच मोचन तीर्थ के नाम से जाना जाता है. इसी पिशाच मोचन तीर्थ पर एक पुराना पेड़ है जहां सिक्के और कील में हजारों आत्माएं बसती है. ऐसी मान्यता है कि यहां पूजा के बाद उन अतृप्त और भटकती आत्माओं की मुक्ति के लिए उन्हें यहां बांधा जाता है. इसके लिए बाकायदा पूरी प्रकिया है.

पेड़ पर सिक्के और कील के साथ टंगे ये फोटो उन लोगों के है जिनकी किसी दुर्घटना में अकाल मृत्यु हुई है. मृत्यु के बाद उनकी आत्माएं प्रेत योनि में प्रवेश कर लोगों को सताती हैं. ऐसी भटकती आत्माओं के मुक्ति के लिए उनके परिजन काशी के पिशाच मोचन कुंड पर बकायदा पूजा पाठ के बाद उनकी फोटो को सिक्के और कील के जरिए इस पेड़ पर टांगते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार पेड़ पर ऐसा करने से वो आत्माएं यहां बैठ जाती है और उन्हें प्रेत योनि से भी मुक्ति मिल जाती है.

सैकड़ों साल से जारी है परंपरा 
पिशाच मोचन तीर्थ के पुरोहित नीरज कुमार पांडे ने Bharat.one को बताया कि पितृपक्ष के दिनों में हजारों लोग जिनके परिजन की अकाल मृत्यु हुई है वो यहां आकर इस प्रकिया को करते हैं. इस कुंड पर त्रिपिंडी श्राद्ध और नारायण बलि से प्रेत योनि से मुक्ति मिलती है इसका उल्लेख शास्त्रों में है. लेकिन इस पेड़ पर सिक्के और कील से अतृप्त आत्माएं शांत होती है ऐसी सिर्फ लोक मान्यताएं हैं. जो सैकड़ों साल से चली आ रही है.

कील गाड़कर बैठाते है प्रेत
पुरोहित नीरज कुमार पांडे ने बताया कि जिन लोगों की मृत्यु किसी दुर्घटना में होती है उन्हें प्रेत से पितृ बनाने के लिए इस ऐतिहासिक पेड़ पर कील और सिक्का गाड़ा जाता है. पूजा और श्राद्ध के बाद कील गाड़कर लोग प्रेत को यहां बैठाते हैं. वैसे तो दिन के समय यहां काफी चहल पहल रहती है लेकिन रात के वक्त लोग कई बार यहां गुजरने से भी कतराते हैं.

FIRST PUBLISHED : September 27, 2024, 16:44 IST

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

Hot this week

नवरात्रि की चतुर्थी तिथि पर सुनें मां कूष्मांडा की कथा, सब संकट हर लेंगी मातारानी

https://www.youtube.com/watch?v=LYAvfJrrcnIधर्म Maa Kushmanda Katha: नवरात्रि की चतुर्थी तिथि 26...

Shardiya navratri 2025 fifth day of maa kushmanda know puja vidhi muhurat and mantra bhog and maa kushmanda aarti and importance of kushmanda devi...

शारदीय नवरात्रि 2025 का पांचवा दिन, मां कुष्‍मांडा:...

Topics

नवरात्रि की चतुर्थी तिथि पर सुनें मां कूष्मांडा की कथा, सब संकट हर लेंगी मातारानी

https://www.youtube.com/watch?v=LYAvfJrrcnIधर्म Maa Kushmanda Katha: नवरात्रि की चतुर्थी तिथि 26...

Shardiya navratri 2025 fifth day of maa kushmanda know puja vidhi muhurat and mantra bhog and maa kushmanda aarti and importance of kushmanda devi...

शारदीय नवरात्रि 2025 का पांचवा दिन, मां कुष्‍मांडा:...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img