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Pitru Paksha: पितृ विसर्जन अमावस्या के दिन जरूर करें यह काम, वरना नहीं मिलेगा पितरों का आशीर्वाद


ओम प्रयास/ हरिद्वार: साल 2024 में 2 अक्टूबर को पितरों को धरती लोक से विदाई दी जाएगी. इस दिन हिंदू धर्म में लोग अपने पितरों को शांति देने और मोक्ष देने के लिए उनका तर्पण, पिंडदान आदि करते हैं और उन्हें भू-लोक से विदाई देते हैं. वैसे तो पितरों को शांति देने के लिए शास्त्रों में बहुत से उपाय बताए गए हैं जिनके माध्यम से पितृ प्रसन्न होकर मोक्ष को प्राप्त हो जाते हैं, लेकिन पितृ विसर्जन अमावस्या पर हवन का सबसे अधिक महत्व बताया गया है.

साल 2024 में 17 सितंबर से शुरू हुए पितृ पक्ष  2 अक्टूबर तक चलेगा.  2 अक्टूबर को जिन पितरों का श्राद्ध छूट गया है, या फिर जिन पितरों का श्राद्ध याद नहीं है. उनके निमित्त इस दिन श्राद्ध कर्म, तर्पण, पिंडदान, कर्मकांड आदि किया जाता है और ब्राह्मण, गरीबों को भोजन कराने के बाद दान, हवन करने का विधान बताया गया है. इन सभी कड़ी में सबसे आखरी में हवन किया जाता है. जिसे करने से पितृ अपने लोक लौट जाते हैं.

ऋग्वेद के अनुसार हवन से उत्पन्न अग्नि मृतक पितरों को पितृ लोक तक पहुंचने में सबसे अधिक सहायक होती है. हवन से जो अग्नि उत्पन्न होती है, उनसे प्रार्थना की जाती है कि वह उनके पितरों को उनके धाम तक पहुंचा दे. वेदों पुराणों के अनुसार अग्नि के माध्यम से ही मनुष्य स्वर्ग तक पहुंचता है. स्वर्ग में पितृ चिंता से दूर होकर आनंदमय से रहते हैं. जिसको मोक्ष कहा गया है. वहीं पृथ्वी पर उनके वंशजों को सुख, समृद्धि, वैभव आदि की प्राप्ति हो जाती है. वेदों के अनुसार पितरों से मनुष्य कल्पना करता है कि वह उनके समीप आकर आसन ग्रहण करें. श्रद्धा भक्ति भाव से किए गए उनके कार्यों को स्वीकार करें और उनके अपराधों को क्षमा करके उनके ऊपर अपनी कृपा दृष्टि सदैव बनाए रखें.

पितृ विसर्जन अमावस्या पर पितरों के निमित्त हवन करने के महत्व के बारे में और अधिक जानकारी Bharat.one को देते हुए हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि पितृ विसर्जन अमावस्या पर अपने पितरों के निमित्त उन्हें शांति देने और मोक्ष देने के लिए अनेकों प्रकार के कार्य किए जाते हैं. जिसमें सबसे आखिर में हवन के माध्यम से पितरों का आवाहन करते हुए आहुति दी जाती है. पितृ विसर्जन अमावस्या के दिन सभी पितरों के निमित्त वैदिक मंत्रों से आहुति देने पर पितृ अग्नि देव के माध्यम से धरती लोक से स्वर्ग चले जाते हैं. जिसे शास्त्रों में मोक्ष की प्राप्ति कहा गया है. ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि व्यक्ति पितरों को मोक्ष देने के लिए अनेक प्रकार की क्रियाएं करता है, लेकिन यदि पितृ विसर्जन अमावस्या के दिन वह अपने सभी पितरों के निमित्त वैदिक मंत्रों से हवन करें, तो पितरों को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है और वंशजों पर सदैव पितरों का आशीर्वाद और असीम कृपा बनी रहती है.

Note: पितृ विसर्जन अमावस्या पर हवन करने की विधि को जानने के लिए आप हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री से उनके फोन नंबर 9557125411 और 9997509443 पर संपर्क करके पूरी जानकारी ले सकते हैं.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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