देवघर. हमारे जीवन में वास्तु का बेहद खास महत्व होता है. यदि हम कोई भी कार्य वास्तु के अनुसार करें, तो वह कार्य सफल होता है और जीवन में सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है. भाद्रपद महीने की पूर्णिमा तिथि से पितृपक्ष की शुरुआत होती है, जो अश्विन अमावस्या तक चलता है. यह अवधि पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए सबसे शुभ समय मानी जाती है. पितृपक्ष में श्राद्ध और तर्पण न करने वाले जातक को पितृ श्राप देकर पितृलोक चले जाते हैं. माना जाता है कि यदि पितृपक्ष में वास्तु के अनुसार पितरों का तर्पण किया जाए, तो पितृ बेहद प्रसन्न होते हैं और जातक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं. आइए जानते हैं देवघर के ज्योतिषाचार्य से कि वास्तु के अनुसार कौन से उपाय करने चाहिए.
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने Bharat.one के संवाददाता से बातचीत करते हुए बताया कि आजकल ज्यादातर लोग पितृदोष और कालसर्प दोष से परेशान हैं. जब जातक पितृपक्ष में पितरों के नाम से तर्पण, श्राद्ध इत्यादि नहीं करते, तो पितृ नाराज हो जाते हैं और पितृदोष लग जाता है. पितृदोष का नकारात्मक प्रभाव जीवन पर पड़ता है, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि पितृपक्ष में वास्तु के कुछ उपाय किए जाएं, तो पितृदोष से मुक्ति मिल सकती है और जीवन में सुख-समृद्धि की वृद्धि हो सकती है.
पितृपक्ष में वास्तु के अनुसार करें यह उपाय…
1. पीपल का पौधा लगाएं
ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल के अनुसार, यदि पितृपक्ष के दिनों में घर की दक्षिण या पश्चिम दिशा में पीपल का पौधा लगाया जाए, तो इससे पितृदोष से मुक्ति मिलती है.
2. दक्षिण मुख करके करें तर्पण
पितृपक्ष के दिनों में पितरों का तर्पण करना चाहते हैं, तो हमेशा किसी नदी या तालाब के किनारे दक्षिण मुख करके ही तर्पण करें. विशेष रूप से पितृ अमावस्या के दिन तर्पण करना अत्यंत लाभकारी होता है. इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और पितृदोष समाप्त हो जाता है.
3. ब्राह्मण को दक्षिण दिशा में बिठाएं
पितृ अमावस्या के दिन पितरों के नाम से श्राद्ध अवश्य कराएं. ब्राह्मण को भोजन कराते समय उन्हें दक्षिण दिशा में बिठाएं. इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और आपके जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.
FIRST PUBLISHED : September 25, 2024, 09:42 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.