Tuesday, September 10, 2024
25.9 C
Surat

Pitru Paksha 2024: इस एक सफेद फूल के बिना अधूरी है पितरों की पूजा! प्रसन्न करने के लिए करें ये काम  


ऋषिकेश: पितृपक्ष एक हिंदू धार्मिक अवधि है, जिसमें पूर्वजों की आत्मा के प्रति सम्मान और श्रद्धा अर्पित की जाती है. इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान जैसे कर्मकांड किए जाते हैं. माना जाता है कि इन क्रियाओं से पितरों की आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है और परिवार में सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है. पितृपक्ष के दौरान पूजा का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है, क्योंकि इसे एक धार्मिक कर्तव्य माना जाता है. आइए जानते हैं एक ऐसे फूल के बारे में, जिसे पितृपक्ष की पूजा में जरूर शामिल करना चाहिए.

पितृपक्ष 2024 कब से शुरू है?
ऋषिकेश के अखिलेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी शुभम तिवारी ने लोकल18 को बताया कि इस साल पितृपक्ष की शुरुआत 17 सितंबर से हो रही है. पितृ पक्ष में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए विशेष कर्मकांड किए जाते हैं.

पितृपक्ष की पूजा सामग्री
पुजारी ने बताया कि इस अवधि में श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण जैसे अनुष्ठान किए जाते हैं. पितृपक्ष के दौरान पूजा में कुछ विशेष सामग्रियों का उपयोग किया जाता है. ताकि पितरों की आत्मा को शांति और तृप्ति मिल सके. इनमें तिल, जल, कुशा, जौ का आटा और गंगाजल मुख्य है. तर्पण के लिए जल में तिल मिलाकर पितरों को अर्पित किया जाता है. पिंडदान के लिए चावल, जौ का आटा, शहद, और घी का प्रयोग कर पिंड बनाए जाते हैं. दीपक जलाने के लिए गाय के घी का दीपक और धूप के लिए चंदन की धूप उपयोग की जाती है. इसके अलावा, पूजा में फल, फूल और खास कर काश का फूल इस्तमाल किया जाता है.

काश के फूल का महत्व
पुजारी शुभम तिवारी कहते हैं कि पितृ पक्ष के दौरान पूजा में काश के फूल का विशेष महत्व होता है. काश का फूल सफेद रंग का होता है, जो पवित्रता, शांति, और सात्विकता का प्रतीक माना जाता है. इसे पितरों की तृप्ति और शांति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसका उपयोग पिंडदान और तर्पण के समय किया जाता है. मान्यता है कि काश के फूल से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे प्रसन्न होकर परिवार को आशीर्वाद देते हैं. काश का फूल नदी किनारे या जलाशयों के पास उगता है, जो इसे प्राकृतिक पवित्रता का प्रतीक बनाता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

Hot this week

बनने से पहले बिगड़ जाते हैं काम? तो शनिदेव के इस मंदिर में करें पूजा, आ जाएंगे अच्छे दिन!  

विकल्प कुदेशिया/बरेली: नाथ नगरी बरेली भक्तों के लिए...

Parivartini Ekadashi 2024: कब है परिवर्तिनी एकादशी? अयोध्या के ज्योतिषी से जानें तिथि, मुहूर्त और महत्व

अयोध्या: हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष भाद्रपद...

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img