तर्पण और श्राद्ध तिथि के अनुसार किया जाता है.क्या हो जब आपको अपने पितर की मृत्यु की तिथि पता ना हो.
Pitru Paksha 2024 : हिन्दू पंचांग का सातवां महीना अश्विन चल रहा है और इसके 15 दिनों में पितृ पक्ष रहते हैं. इन दिनों में लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध करते हैं. उनका तर्पण और पिंडदान भी किया जाता है, ताकि पितर खुश हों और आर्शीवाद दें. आपको बता दें कि तर्पण और श्राद्ध तिथि के अनुसार किया जाता है, लेकिन क्या हो जब आपको अपने पितर की मृत्यु की तिथि पता ना हो. शास्त्रों में ऐसे लोगों के लिए श्राद्ध के कुछ नियत बताए गए हैं और तर्पण के लिए खास दिन भी तय किया गया है. ताकि आप उनका श्राद्ध कर सकें और आपके पितर आपसे नाराज ना हों. आइए जानते हैं इस बारे में भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.
इस दिन करें श्राद्ध
यदि आपको अपने पितरों की मृत्यु की तिथि पता नहीं है तो ऐसे लोगों का श्राद्ध आश्विन मास की अमावस्या को किया जाना चाहिए. यह दिन उन लोगों के तर्पण के लिए महत्वपूर्ण माना गया है, जिनकी मृत्यु तिथि किसी ना किसी वजह से आपको पता नहीं है. इसके अलावा इस दिन आप उन लोगों का श्राद्ध भी कर सकते हैं, जिनकी अकाल मृत्यु हुई हो या वे अविवाहित थे.
श्राद्ध पक्ष का आखिरी दिन भी उत्तम
इसके अलावा आप श्राद्ध पक्ष का अंतिम दिन भी तर्पण या श्राद्ध के लिए चुन सकते हैं. ऐसे लोगों के लिए जिनकी मृत्यु की तिथि ज्ञात नहीं है. कई बार अधिक समय बीते जाने या किन्हीं कारणों से पूर्वजों की मृत्यु की तिथि याद नहीं रह पाती. ऐसे में आप श्राद्ध पक्ष के अंतिम दिन उन्हें तर्पण करना चाहिए.
पितृ पक्ष का महत्व
ऐसा कहा जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं. ऐसे में पूर्वजों का तर्पण या श्राद्ध कर्म करने से उन्हें तृप्ति मिलती है. उन्हें भोजन और पानी मिलता है, जिससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है और वे आपसे प्रसन्न होते हैं. जब पितर खुश होते हैं तो आशीर्वाद देते हैं, जिससे आपका जीवन सुखमय हो जाता है.
FIRST PUBLISHED : September 24, 2024, 11:25 IST