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Things Not To Buy In Pitru Paksha: पितृपक्ष का समय केवल रीति-रिवाजों का पालन करने का ही नहीं, बल्कि पूर्वजों के प्रति सच्ची श्रद्धा दिखाने का होता है. ऐसे में अगर छोटी-सी गलती भी हो जाए तो उसका असर लंबे समय तक रह सकता है. लोहे का सामान न खरीदने का नियम इन्हीं मान्यताओं से जुड़ा है. इसलिए कोशिश करें कि पितृपक्ष में सादगी और दान-पुण्य पर ध्यान दें. यही पूर्वजों को सच्ची श्रद्धांजलि है और इसी से घर-परिवार पर हमेशा पितरों की कृपा बनी रहती है.

पितृपक्ष में क्यों नहीं खरीदा जाता लोहे का सामान?
पितृपक्ष का समय पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए माना जाता है. लोग इस दौरान नई चीजें खरीदने से बचते हैं क्योंकि यह समय भोग-विलास का नहीं बल्कि श्रद्धा और सादगी का होता है. लोहे का संबंध शनि ग्रह से होता है और शनि को न्याय का देवता कहा जाता है. पंडितों का मानना है कि अगर पितृपक्ष में लोहा खरीदा जाए तो यह शनि को अप्रसन्न करता है. इसके कारण जीवन में कठिनाइयां बढ़ सकती हैं और पितरों के आशीर्वाद में रुकावटें आ सकती हैं.
पितृपक्ष में हर तरह के लोहे के सामान से बचना चाहिए, लेकिन खासतौर पर किचन से जुड़े लोहे के बर्तन और औज़ार बिल्कुल नहीं खरीदने चाहिए. किचन घर का सबसे पवित्र स्थान होता है क्योंकि यहीं से पूरे परिवार का भोजन बनता है. कहा जाता है कि इस दौरान किचन में लोहे का नया सामान लाने से बरकत कम हो सकती है और नेगेटिव एनर्जी बढ़ सकती है.
इसके अलावा घर की सजावट या रोज़मर्रा के काम आने वाले लोहे के सामान जैसे दरवाज़े, ताले या औज़ार भी इस समय खरीदने से बचना चाहिए.