Monday, September 29, 2025
26 C
Surat

Pitru Paksha 2025: पितृपक्ष में ये 5 गलतियां करने से नाराज हो जाते हैं पितर! जानें कैसे बचे इन गलतियों से


Last Updated:

Pitru Paksha 2025: पितृपक्ष के 15 दिन विशेष महत्व रखते हैं. इन दिनों पितरों को तर्पण और श्राद्ध कर उनकी आत्मा की शांति के लिए सात्विक कर्म करना चाहिए. इससे घर में सुख, समृद्धि और संतान वृद्धि बनी रहती है. जानिए…और पढ़ें

फरीदाबाद: सुख-संपत्ति और संतान सुख की चाह हर घर में होती है लेकिन कहते हैं कि पूर्वजों की रजामंदी के बिना ये सब अधूरा है. हिंदू धर्म में पितृपक्ष को इसलिए खास माना गया है क्योंकि मान्यता है कि इन 15 दिनों में पितर धरती पर अपने वंशजों को आशीर्वाद देने आते हैं. उनकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और ब्राह्मण भोजन जैसे कर्म किए जाते हैं. पौराणिक मान्यता है कि जो संतान पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से पितरों का स्मरण करती है उनके घर में सुख-समृद्धि, संतान वृद्धि और सौभाग्य बना रहता है. वहीं जो लोग इन नियमों की अनदेखी कर देते हैं उनके पितर अप्रसन्न होकर नाराज भी हो सकते हैं. यही कारण है कि पितृपक्ष को बड़े ही अनुशासन और सात्विक भाव से मनाने की परंपरा आज भी जीवित है.

Local18 से बातचीत में महंत स्वामी कामेश्वरानंद वेदांताचार्य ने पितृपक्ष के महत्व और नियमों के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि इन दिनों सबसे पहले लहसुन और प्याज का सेवन त्याग देना चाहिए. साथ ही मांस-मदिरा जैसे तमाम तामसिक पदार्थों से परहेज करना जरूरी है. पितरों की तिथि पर सात्विक भोजन पकाकर ठाकुर जी को अर्पण करें और फिर ब्राह्मण को भोजन कराएं.

श्राद्ध के दौरान इन सात्विक भोजन का करें सेवन
महंत के अनुसार, सात्विक भोजन में बेसन के गट्टे, पनीर, आलू की सब्जी, परवल, उड़द या मूंग की दाल जैसी चीजें शामिल करनी चाहिए. पूड़ी-सब्जी बनाकर भोग लगाने की परंपरा भी पुरानी है. भोजन कराने के साथ-साथ गौ माता को चारा खिलाना और गरीबों को दान-दक्षिणा देना भी बेहद पुण्यकारी माना गया है. जिनके माता-पिता नहीं हैं, उन्हें अपने पितरों की तिथि पर मुंडन संस्कार करवाकर तिल, जौ और जल से पीपल वृक्ष पर अर्पण करना चाहिए.

पितृपक्ष में वर्जित कार्य और अनुशासन
शास्त्रों में स्पष्ट निर्देश है कि पितृपक्ष के दौरान कोई भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, दुकान की शुरुआत या नया कारोबार नहीं करना चाहिए. इन दिनों ब्रह्मचर्य का पालन करना और अपने आचरण को सात्विक रखना आवश्यक है. झूठ बोलना, अपशब्द कहना, छल-कपट करना या किसी का दिल दुखाना पितरों को अप्रसन्न कर सकता है.

authorimg

Seema Nath

पिछले 5 साल से मीडिया में सक्रिय, वर्तमान में Bharat.one हिंदी में कार्यरत. डिजिटल और प्रिंट मीडिया दोनों का अनुभव है. मुझे लाइफस्टाइल और ट्रैवल से जुड़ी खबरें लिखना और पढ़ना पसंद है.

पिछले 5 साल से मीडिया में सक्रिय, वर्तमान में Bharat.one हिंदी में कार्यरत. डिजिटल और प्रिंट मीडिया दोनों का अनुभव है. मुझे लाइफस्टाइल और ट्रैवल से जुड़ी खबरें लिखना और पढ़ना पसंद है.

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homedharm

पितृपक्ष में ये 5 गलतियां करने से नाराज हो जाते हैं पितर! जानें कैसे बचे?

Hot this week

करेले का अचार रेसिपी और फायदे जानें, डायबिटीज़ में लाभकारी.

Food, हम सभी खाने का स्वाद बढ़ाने के...

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img