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Haridwar News: इन 16 श्राद्ध पक्षों के दिनों में भी दान करने का सबसे अधिक महत्व बताया गया है. इन दिनों में दान करने से पितृ पूर्वज प्रसन्न होकर सदैव अपने वंशजों पर आशीर्वाद बनाए रखते हैं.
दान से होते हैं पितृ प्रसन्न
इसकी अधिक जानकारी देते हुए हरिद्वार के विद्वान धर्माचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि पितृ दोष से पीड़ित व्यक्तियों को श्राद्ध पक्ष का इंतजार साल भर रहता है. श्राद्ध पक्ष में अपने पितरों पूर्वजों का शास्त्रों की विधि से श्राद्ध कर्म, पिंडदान, तर्पण आदि किया जाता है जिससे पितृ दोष खत्म होने के साथ सभी पितृ तृप्त होकर अपने लोक चले जाते हैं. वैदिक पंचांग के अनुसार साल भर में कई पर्व आते हैं जिन पर विधि अनुसार धार्मिक कार्य और दान आदि करने से लाभ होता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार साल भर में होने वाले धार्मिक पर्वों पर राशि के अनुसार दान करने का सबसे अधिक महत्व बताया गया है, लेकिन पितृपक्ष के दिनों में राशि के अनुसार दान नहीं किया जाता बल्कि पितरों के अनुसार दान करने पर पितृ प्रसन्न होकर अपने लोक चले जाते हैं. वह आगे बताते हैं कि पितृपक्ष के दिनों में सफेद वस्त्रों का दान, सफेद वस्तुएं, सफेद खाने का सामान, सफेद मिठाई, सफेद चादर, रजाई, दूध, दही, चीनी, बुरा, घी, सफेद फल आदि दान करने पर पितृ दोस्त से मुक्ति हो जाती है और पितृ प्रसन्न होकर अपने धाम चले जाते हैं.