राजस्थान का पुष्कर एक प्राचीन और अत्यंत महत्वपूर्ण तीर्थस्थल के रूप में पूरे भारत में प्रसिद्ध है. यह न केवल अपनी धार्मिक महत्ता के लिए जाना जाता है, बल्कि ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत विशिष्ट स्थान रखता है.
ब्रह्माजी का एकमात्र मंदिर
श्राद्ध कर्म के लिए भी प्रसिद्ध है पुष्कर
पुष्कर की धार्मिक महत्ता केवल ब्रह्मा मंदिर तक ही सीमित नहीं है. यह स्थान पितरों के तर्पण और श्राद्ध कर्म के लिए भी विशेष रूप से प्रसिद्ध है. यहां पर व्यक्ति अपने सात कुलों और पांच पीढ़ियों तक के पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए श्राद्ध कर्म कर सकता है.
प्रभु श्रीराम ने पुष्कर में किया था पिता का श्राद्ध
यहां धुल जाते हैं सब पाप
पुष्कर सरोवर, जो कि 52 घाटों से घिरा हुआ है, श्रद्धालुओं के स्नान और पूजा का मुख्य स्थल है. मान्यता है कि इस सरोवर में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और व्यक्ति को आध्यात्मिक शुद्धता प्राप्त होती है. पुष्कर का धार्मिक वातावरण, यहां की शांत वायु, मंत्रोच्चार की गूंज और पुरोहितों द्वारा करवाए जाने वाले वैदिक कर्मकांड इसे एक अद्भुत तीर्थ स्थल बनाते हैं.