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Deoghar News: देवघर बाबा बैद्यनाथ मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं, विशेषकर सावन में, लेकिन भीड़ नियंत्रण और मंदिर की व्यवस्थाओं पर कई श्रद्धालुओं और तीर्थपुरोहित ने चिंता जताई है, चलिए जानतें है उनकी राय.
व्यवस्था के बारे में बताते श्रद्धालु और तीर्थ पुरोहित
देवघर. भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक तिरुपति बालाजी में किसी कारणवस सुबह भगदड़ मच गई, जिसमें 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 40 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए. वहीं देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर में भी देश विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पूजा आराधना करने के लिए पहुंचते हैं. विशेष कर सावन के महीने में प्रत्येक दिन 2 लाख से भी ज्यादा श्रद्धालु जलार्पण करते हैं. आम दिनों में भी 50 से 60 हजार श्रद्धालु प्रत्येक दिन पूजा आराधना करते हैं. पूजा करने आए श्रद्धालुओं और यहां के स्थानीय तीर्थपुरोहितो का मंदिर के व्यवस्थाओं को लेकर क्या राय है आईए जानते हैं?
क्या कहते हैं श्रद्धालू?
बिहार के पटना से आई एक श्रद्धालू मेघना कुमारी ने Bharat.one के संवाददाता से बातचित करते हुए कहा कि आप पिछले 6-7 सालों से देवघर मंदिर पूजा आराधना करने के लिए आ रही हैं. मंदिर में व्यवस्थाएं बहुत कुछ बदली है और बहुत कुछ बदलना बाकी है. पूरा मंदिर सीसीटीवी की निगरानी में होनी चाहिए और सुचना तंत्र को मजबूत करना चाहिए की अगर कोई बिछड़ जाए, तो वह अपने परिजन से तुरंत मिल सके. वहीं एक और श्रद्धांलु बिहार से आई चांदनी कुमारी बताती है कि आम दिनों में श्रद्धालुओं, तो कोई परेशानी नहीं होती हैं, लेकिन विशेष कर सावन के महीने में व्यवस्थाएं और भी ज्यादा होनी चाहिए. कुछ ऐसी व्यवस्था करे, ताकि श्रद्धालु ज्यादा परेशान ना हो. क्योंकि सावन के महीने में कतार बहुत ज्यादा घुमावदार हो जाता है. वहीं बिहार के बेगूसराय से आये श्रद्धालू बिपिन कुमार बताते है की यहां पर पूजा करने के लिए घंटो कतार मे खड़ा रहने पड़ता है. कतार में ना पानी की वयवस्था रहती है और ना ही कुछ और ये वयवस्था ठीक करनी चाहिए.
क्या कहते हैं स्थानीय पुरोहित?
मंदिर के स्थानीय पुरोहित प्रभाकर शांडिल्य ने लोकल 18से बातचित करते हुए कहा कि मंदिरों में भीड़ का नियंत्रण एक बहुत बड़ी समस्या है. श्रद्धालुओं को सम्मान पूर्वक दर्शन कराना चाहिए. जब भीड़ बढ़ जाती है या सावन के महीने में जिला प्रशासन को स्थानीय तीर्थपुरोहित और यहां के लोगो के के साथ बैठकर उनकी भी राय लेनी चाहिए की कैसे भीड़ को नियंत्रण रखा जा सके, तभी भीड़ व्यवस्थित हो पाएगी. वहीं बैद्यनाथ मंदिर के प्रसिद्ध पुरोहित प्रमोद श्रृंगारी ने जानकारी देते हुए कहा कि स्थानीय लोगों और प्रशासन मिलकर कोई रणनीति बनाई, तो अच्छा से अच्छा व्यवस्था बनाई जा सकती है.
साथ ही सबसे पहले सूचना तंत्र को मजबूत किया जाए. श्रद्धालुओं को पल -पल की खबरें दी जाए. इसके साथ ही श्रद्धालुओं को क्यूँ काम्प्लेक्स मे रखकर ही थोड़ी-थोड़े टुकड़ों में भेजा जाए.ऐसी व्यवस्थाएं होंगी तो भगदड़ की आशंका का बहुत कम हो जाएगी.
वहीं एक और मंदिर के तीर्थंपुरोहित बाबा झा ने बताया की व्यवस्थाएं, तो फिलहाल बैद्यनाथ मंदिर में बहुत अच्छी है इसको और अच्छा किया जा सकता है विशेष कर शीघ्रदर्शनम कूपन के माध्यम से जो श्रद्धालु जाते हैं वह टी पॉइंट में जाकर आम श्रद्धालुओं की कतार में मिला दिया जाता है. वहां से उन्हें तो फिर कतार में रहकर पूजा आराधना करनी पड़ती है. लगातार टी पॉइंट में श्रद्धालुओंए मे वाद विवाद होते ही रहता है. वैसी व्यवस्थाओं को ठीक करनी चाहिए.